MP Crime: भोपाल के शाहपुरा इलाके में चार महीने पहले हुई नवविवाहिता डॉक्टर ऋचा पांडेय की संदिग्ध मौत के मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है। पहले पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था लेकिन अब जांच में सामने आया है कि डॉक्टर ऋचा की हत्या की गई थी। उसके पति अभिजीत पांडेय ने उसे ज़हरीला इंजेक्शन देकर मौत के घाट उतारा। अब इस मामले में अभिजीत के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, दहेज हत्या, हत्या और दहेज प्रताड़ना के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
अभिजीत पर लगे हैं हत्या और दहेज प्रताड़ना के आरोप
मामला अब कोर्ट तक पहुंच गया है और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीलू संजीव श्रींगिरीशी की अदालत ने अभिजीत के खिलाफ गंभीर धाराएं तय कर दी हैं। पहले इस मामले में केवल आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला था लेकिन अब हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है। यह भी सामने आया है कि अभिजीत पर पहले से ही पत्नी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने और दहेज की मांग करने के आरोप हैं।
ऋचा ने मौत से पहले भाई को भेजा था मैसेज
डॉ. ऋचा पांडेय मूल रूप से सतना की रहने वाली थीं और उनके परिवार वाले लखनऊ में रहते हैं। उन्होंने जबलपुर से एमबीबीएस किया था और भोपाल के आरकेडीएफ कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थीं। दिसंबर 2024 में उनकी शादी अभिजीत पांडेय से हुई थी जो खुद को डेंटिस्ट बताता था और एमपी नगर में एक क्लिनिक चला रहा था। 21 मार्च 2025 को ऋचा की लाश उनके बेडरूम में मिली थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि उनकी मौत एनेस्थीसिया की ओवरडोज़ से हुई है। मौत से पहले ऋचा ने अपने भाई को एक नोट भेजा था जिसमें उन्होंने पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के बारे में लिखा था।
फर्जी डिग्री और गैरकानूनी क्लिनिक का खुलासा
ऋचा की मौत के बाद उनके परिजनों ने अभिजीत की डिग्री और क्लिनिक की वैधता पर सवाल उठाए थे। पुलिस जांच में सामने आया कि अभिजीत का क्लिनिक किसी मान्यता प्राप्त संस्था से प्रमाणित नहीं था और उसके पास डेंटिस्ट की कोई वैध डिग्री नहीं थी। इसका मतलब है कि वह न केवल एक झूठी पहचान के साथ लोगों का इलाज कर रहा था बल्कि अपनी पत्नी के जीवन के साथ भी खिलवाड़ कर रहा था।