रेलवे मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए IRCTC के लगभग 2.5 करोड़ यूजर आईडी बंद कर दिए हैं। यह जानकारी संसद के मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में दी। यह कार्रवाई उन आईडी पर की गई है जो फर्जी जानकारी के आधार पर बनाई गई थीं। सरकार का कहना है कि इस कदम से टिकट बुकिंग प्रक्रिया पारदर्शी होगी और आम यात्रियों को बेवजह की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
डेटा एनालिसिस से हुआ खुलासा
रेल मंत्री ने बताया कि डाटा विश्लेषण के दौरान पाया गया कि करोड़ों की संख्या में फर्जी यूजर आईडी बनाकर दलालों द्वारा तत्काल टिकट की धांधली की जा रही थी। इन आईडी के जरिए एक ही समय पर कई टिकट बुक किए जाते थे जिससे आम लोगों को तत्काल टिकट मिलना मुश्किल हो जाता था। इसके बाद रेलवे ने ऐसे फर्जी अकाउंट्स पर सीधी कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लॉक कर दिया है।
तत्काल टिकट के नए नियम लागू
रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए 1 जुलाई 2025 से OTP आधारित वेरिफिकेशन सिस्टम लागू कर दिया है। अब तत्काल टिकट सिर्फ उन्हीं यूजर्स द्वारा बुक किए जा सकेंगे जिनका IRCTC अकाउंट आधार से लिंक है। इस बदलाव का उद्देश्य दलालों और बिचौलियों द्वारा टिकट की कालाबाजारी को रोकना है ताकि आम लोगों को तत्काल टिकट मिल सके।
ऑफलाइन काउंटर पर भी डिजिटल पेमेंट की सुविधा
रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अब ऑफलाइन टिकट बुकिंग काउंटर यानी PRS पर भी डिजिटल पेमेंट की सुविधा शुरू कर दी है। यात्री अब वहां पर भी UPI जैसे माध्यम से टिकट की राशि का भुगतान कर सकते हैं। इससे टिकट बुकिंग का अनुभव और भी सरल और पारदर्शी बन गया है।
वेटिंग लिस्ट और कोच की निगरानी भी बढ़ाई गई
रेल मंत्री ने बताया कि अब रेलवे वेटिंग लिस्ट की भी लगातार निगरानी कर रहा है। यदि किसी ट्रेन में वेटिंग लिस्ट ज्यादा होती है तो उसमें अतिरिक्त कोच जोड़े जाते हैं या फिर यात्रियों को दूसरी ट्रेन या अपग्रेडेशन स्कीम का विकल्प दिया जाता है। इससे यात्रियों की यात्रा अधिक सुविधाजनक और सुगम हो जाती है।