गिरती जीडीपी के बीच निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- विकास बनाए रखना अब सबसे बड़ी चुनौती

By: MPLive Team

On: Sunday, July 27, 2025 8:47 AM

गिरती जीडीपी के बीच निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- विकास बनाए रखना अब सबसे बड़ी चुनौती
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की सतत विकास दर को बनाए रखना और आर्थिक प्रगति की गति को बनाए रखने के लिए सार्वजनिक पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आर्थिक विकास केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध रोज़गार और सामाजिक स्थिरता से है। वित्त मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब वित्त वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रही है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है। इससे पहले 2023-24 में यह दर 9.2% रही थी।

चुनौतियों के बीच जीडीपी वृद्धि दर पर फोकस

वित्त मंत्री ने इस बात को दोहराया कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर को बनाए रखना वर्तमान सरकार की प्राथमिकताओं में प्रमुख है। उन्होंने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने पूर्वानुमान को घटाकर 6.7% से 6.5% कर दिया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, ऊर्जा कीमतों में अस्थिरता और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के बावजूद भारत को एक नेतृत्वकारी भूमिका में बनाए रखना और दक्षिणी देशों (Global South) की आवाज़ को फिर से परिभाषित करना हमारी प्राथमिकता है।

गिरती जीडीपी के बीच निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- विकास बनाए रखना अब सबसे बड़ी चुनौती

सतत विकास में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय की भूमिका

वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि देश के सतत और समावेशी विकास के लिए सार्वजनिक पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) एक निर्णायक भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि जब सरकार बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करती है, तो इसका सकारात्मक असर रोजगार, निर्माण और निजी निवेश पर भी पड़ता है। इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों को बल मिलता है, बल्कि दीर्घकालिक विकास की नींव भी मजबूत होती है। उन्होंने यह भी बताया कि आकर्षक एफडीआई (FDI) नीति के जरिए भारत में विदेशी निवेश को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही राज्यों के बीच निवेश आकर्षित करने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को उन्होंने आर्थिक मजबूती का संकेत बताया।

द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को दी जा रही प्राथमिकता

अपने भाषण में निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार बहुपक्षीय व्यापार समझौतों की तुलना में द्विपक्षीय व्यापार समझौतों को अधिक प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि पिछले चार-पांच वर्षों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, यूएई और ब्रिटेन के साथ सफलतापूर्वक द्विपक्षीय व्यापार समझौते किए हैं। इसके अलावा अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ भी बातचीत अच्छे स्तर पर चल रही है। यह रणनीति भारत की वैश्विक भागीदारी को मजबूत करने और निर्यात को बढ़ावा देने में सहायक साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह समय है जब भारत को अपने व्यापारिक हितों को सशक्त करने के लिए हर मोर्चे पर सक्रियता दिखानी होगी।

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