Shahdol News: एक तरफ सड़क संपर्क और विकास की बड़ी मांगें उठ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ शहडोल के बेवारी विधानसभा क्षेत्र के बुधवा गाँव की तस्वीर उन तमाम वादों और घोषणाओं की पोल खोलती है। हालात ये हैं कि गाँव में सड़क न होने के कारण एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए परिजन खाट का सहारा लेने को मजबूर हैं।
जानिए पूरा मामला
ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ एक गर्भवती महिला को खाट पर बैठाकर अस्पताल ले जाया गया। उम्मीद और पैरों से भरे कीचड़ भरे रास्ते से जूझने के बाद, सड़क आज भी ग्रामीणों के लिए एक सपना बनकर रह गई है।
आदिवासी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित
आदिवासी बहुल शहडोल जिले के अंतिम छोर पर स्थित जनपद पंचायत अंतर्गत बुधवा गाँव के आदिवासी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गाँव की सड़क तो दूर, एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए परिजन खाट का सहारा लेने को मजबूर हैं।
हर बार आश्वासन देकर मामला टाल दिया जाता
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण की मांग वर्षों से चल रही है। लेकिन हर बार आश्वासन देकर मामला टाल दिया जाता है। बारिश के दिनों में स्थिति और भी बदतर हो जाती है।
भारी बारिश के बाद हालात इतने बदतर हो जाते हैं कि बाइक, ऑटो, चार पहिया वाहन, सबका काम तमाम हो जाता है। सड़कें इतनी कीचड़ भरी हो जाती हैं कि उन पर पैदल चलना भी जोखिम भरा हो जाता है।
खेतों की पगडंडियों और कीचड़ भरी सड़कों पर चलना किसी चुनौती से कम नहीं है। अब देखना होगा कि ‘खाट पर सिस्टम’ की शर्मनाक तस्वीर कब थमेगी?