मुख्यमंत्री मोहन यादव का विपक्ष पर प्रहार, ओबीसी आरक्षण और जातिगत जनगणना पर खास बयान

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CM Mohan Yadav: मंगलवार को विधानसभा में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विपक्ष मर्यादा त्यागकर गिरगिट और भैंस के भेष में विरोध प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने ओबीसी आरक्षण और जातिगत गणना को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का भी ज़िक्र किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और भाजपा सरकार भी जातिगत गणना को लेकर गंभीर प्रयास कर रही है। इसके साथ ही, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में 2025-26 के लिए पहला अनुपूरक बजट पेश किया, जिस पर बुधवार को चर्चा होगी।

बाघ राज्य पर गर्व, दो नए बाघ अभयारण्य बनाए गए

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है कि मध्य प्रदेश को देश भर में “बाघ राज्य” के रूप में मान्यता मिली है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में दो नए बाघ अभयारण्य, रातापानी और माधव राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य, स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, वन्यजीवों और वनों के संरक्षण के लिए बफर ज़ोन में बाघ सफ़ारी जैसी योजनाएँ भी बनाई जा रही हैं।

ओबीसी आरक्षण पर प्रतिबद्धता दोहराते हुए

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जिन विभागों में न्यायालयीन रोक नहीं है, वहाँ आरक्षण लागू कर दिया गया है। जहाँ मामला न्यायालय में लंबित है, वहाँ सरकार लिखित रूप से 27% आरक्षण का समर्थन कर रही है।”

जाति जनगणना रोकने का कांग्रेस का पाप

डॉ. यादव ने कहा कि पिछड़े वर्गों की जाति जनगणना रोकने का पाप तत्कालीन कांग्रेसी प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था। उसके बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकारों ने भी इस संबंध में कोई पहल नहीं की। जबकि भाजपा सरकार समाज में संतुलन और न्याय सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना पूरी कर रही है।

सभी वर्गों के लिए आरक्षण, सरकार का उद्देश्य एक ही

मुख्यमंत्री ने आगे स्पष्ट किया कि सरकार न केवल ओबीसी वर्ग के लिए, बल्कि सामान्य वर्ग के लिए भी 10% आरक्षण के प्रति समान रूप से संवेदनशील है और सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर रही है।

देवेन्द्र पाण्डेय "संपादक"

ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली की पावन धरा से निकला. पठन-पाठन से प्यार था लिहाजा पत्रकारिता से बेहतर पेशा कोई और लगा नहीं. अखबार से शुरु हुआ सफर टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यम में जारी है. इस दौरान करीब 14 साल गुजर गए पता ही नहीं चला. Read More
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