मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को उस समय भारी हंगामा हो गया जब कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री विजय शाह के खिलाफ महिला सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस विधायकों ने सदन के प्रश्नकाल के दौरान जोरदार विरोध किया, जिससे विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित करनी पड़ी। कर्नल सोफिया, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद चर्चाओं में आई थीं, और उन पर टिप्पणी करना मंत्री को भारी पड़ता दिखा।
विपक्ष के विरोध से सदन की कार्यवाही बाधित
जैसे ही बीजेपी मंत्री विजय शाह ने 1984 भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के सवाल का जवाब देना शुरू किया, विपक्षी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस का आरोप था कि मंत्री ने महिला सेना अधिकारी का अपमान किया है और उन्हें तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए। ‘विजय शाह इस्तीफा दो’ और ‘विजय शाह को बर्खास्त करो’ जैसे नारों से सदन गूंज उठा। इस शोरगुल के चलते स्पीकर को कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस-भाजपा में टकराव, स्पीकर की अपील असफल
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से शांति बनाए रखने और अपनी सीटों पर लौटने की अपील की, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने उनकी अपील को अनसुना कर विरोध जारी रखा। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने पलटवार करते हुए विपक्ष पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाया। दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर इतना तेज हो गया कि सदन में अनुशासन बनाए रखना मुश्किल हो गया। आखिरकार स्पीकर को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी नहीं मांगी माफी
बता दें कि बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए बयान को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी न मांगने पर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि मंत्री अदालत की सहनशीलता की परीक्षा ले रहे हैं। इसके बावजूद अब तक मंत्री ने कोई सार्वजनिक माफी नहीं मांगी है, जिससे विवाद और भी बढ़ गया है। इस मुद्दे को लेकर आगामी दिनों में विधानसभा में और भी राजनीतिक गर्मी देखी जा सकती है।