रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अलग-अलग मुलाकात की। ये बैठकें राष्ट्रपति भवन में हुईं और इनका कारण आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है। राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ‘X’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर केवल यह जानकारी दी गई कि दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की है। लेकिन इन मुलाकातों ने राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।
पहले मोदी फिर शाह पहुंचे राष्ट्रपति भवन
प्रधानमंत्री मोदी की यह मुलाकात उनके ब्रिटेन और मालदीव दौरे के बाद राष्ट्रपति से पहली औपचारिक भेंट थी। कुछ घंटे बाद ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी राष्ट्रपति भवन पहुंचे और उन्होंने भी द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। शाह ने इस बैठक की एक तस्वीर भी ‘X’ पर साझा की और लिखा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।” हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस मुलाकात को लेकर कोई बयान जारी नहीं हुआ है।
संसद में गतिरोध और बिहार की राजनीति
यह बैठकें ऐसे समय में हुई हैं जब संसद में विपक्ष द्वारा मतदाता सूची में विशेष संशोधन (SIR) की मांग को लेकर गतिरोध बना हुआ है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर चर्चा की मांग हो रही है। इसके अलावा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भी बहस जारी है लेकिन मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से संसद का कामकाज लगभग ठप है। ऐसे में इन बैठकों का संदर्भ और समय बेहद अहम माना जा रहा है।
मणिपुर और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की पृष्ठभूमि
लोकसभा ने हाल ही में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था जबकि राज्यसभा में इस पर अब तक चर्चा नहीं हुई है। इसके साथ ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने और रूस से सैन्य व तेल खरीद को लेकर जुर्माने की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री की यह मुलाकात और भी चर्चा का विषय बन गई है।
उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले की रणनीति
इन मुलाकातों को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य इस चुनाव में मतदान करेंगे। ऐसे में यह मुलाकातें किसी रणनीतिक योजना का हिस्सा भी हो सकती हैं।