पाकिस्तान में हर साल की तरह इस बार भी 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया, लेकिन कराची में यह जश्न एक दिल दहला देने वाली त्रासदी में बदल गया। आधी रात को जैसे ही घड़ी ने बारह बजाए, पूरे शहर का आसमान आतिशबाज़ी और हवाई फायरिंग से गूंज उठा। इसी बेकाबू हवाई फायरिंग ने तीन मासूम जिंदगियों को छीन लिया। मृतकों में एक बुजुर्ग और एक आठ साल की मासूम बच्ची भी शामिल है। इसके अलावा, 60 से अधिक लोग गोली लगने से घायल हो गए। स्थानीय मीडिया के अनुसार, ये घटनाएं शहर के अलग-अलग इलाकों में हुईं, जहां लोग जोश और उत्साह में जश्न मना रहे थे।
मासूम जिंदगियां और लापरवाही का खामियाजा
कराची के अज़ीज़ाबाद ब्लॉक-8 में एक आठ साल की बच्ची अपने परिवार के साथ स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रही थी, तभी अचानक एक गोली उसे लगी। हादसा इतना अचानक हुआ कि परिवार के लोग उसे अस्पताल तक ले जाने का मौका भी नहीं पा सके और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। दूसरी ओर, कोरंगी इलाके में स्टीफन नाम के एक व्यक्ति की जान चली गई, जब वह कहीं जा रहा था और रास्ते में हवाई फायरिंग की चपेट में आ गया। इसके अलावा, एक और व्यक्ति की भी हवाई फायरिंग से मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, कई इलाकों में यह अंधाधुंध फायरिंग आधी रात से लेकर सुबह तक जारी रही।
जश्न में बदलती जानलेवा परंपरा
रिपोर्टों के अनुसार, कराची के अलग-अलग इलाकों—लियाकताबाद, बलदिया, कोरंगी, केमारी, लियारी, अख्तर कॉलोनी, महमूदाबाद, जैक्सन, ओरंगी टाउन और पापोश नगर—में लोगों ने भारी मात्रा में हवाई फायरिंग की। इन इलाकों से कुल 64 लोगों के घायल होने की खबर है, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि गोली लगने से घायल अधिकतर लोग दर्शक थे, जो खुद फायरिंग में शामिल नहीं थे, लेकिन पास में खड़े होने के कारण इसकी चपेट में आ गए। इस तरह की घटनाएं हर साल पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस और अन्य बड़े मौकों पर सामने आती हैं, लेकिन इस बार इसका पैमाना और भी बड़ा और घातक रहा।
पुलिस की अपील और सख्ती की मांग
कराची पुलिस ने जनता से अपील की है कि स्वतंत्रता दिवस जैसे मौकों पर जश्न को सुरक्षित और जिम्मेदारी के साथ मनाएं। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि हवाई फायरिंग न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह निर्दोष लोगों की जान ले लेती है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने भी इस घटना पर दुख जताते हुए सरकार से मांग की है कि इस तरह की लापरवाहियों को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किए जाएं, ताकि आने वाले समय में कोई मासूम अपनी जान न गंवाए। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे कराची में स्वतंत्रता दिवस के उत्सव को मातम में बदल दिया है।