अगर आप भी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में नियमित सेविंग्स अकाउंट चलाते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अक्सर बैंक के नियमों को लेकर लोगों के मन में कई प्रकार के सवाल रहते हैं, जिनमें सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि अगर खाते में न्यूनतम बैलेंस मेंटेन नहीं किया गया तो क्या बैंक कोई जुर्माना लगाएगा या नहीं। बहुत से ग्राहक इस भ्रम में रहते हैं और बिना जानकारी के पेनल्टी से बचने के लिए किसी से सलाह लेने में संकोच करते हैं। लेकिन अब इस दुविधा को दूर कर दें, क्योंकि इस नियम को लेकर सरकार की ओर से भी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। मार्च 2020 से लागू हुए नए नियमों के अनुसार, अब नियमित सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य नहीं है और अगर आप इसे मेंटेन नहीं कर पाते हैं, तो बैंक आप पर किसी भी प्रकार की पेनल्टी नहीं लगाएगा। पहले बैंक खाते में न्यूनतम राशि बनाए रखने में विफल रहने पर ग्राहकों से पेनल्टी वसूलते थे, लेकिन अब इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
आरबीआई गाइडलाइंस में क्या कहा गया है?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की गाइडलाइंस के अनुसार, खाता खोलते समय बैंक की जिम्मेदारी होती है कि वह ग्राहक को खाते में न्यूनतम बैलेंस की जानकारी दे। यदि बाद में न्यूनतम बैलेंस से संबंधित किसी नियम में बदलाव किया जाता है, तो बैंक को इसका भी ग्राहक को जानकारी देना जरूरी होता है। इसके साथ ही, अगर कोई ग्राहक खाते में निर्धारित न्यूनतम राशि बनाए रखने में असमर्थ रहता है, तो बैंक को ग्राहकों को कम से कम एक महीने का समय देना होता है। उसके बाद ही बैंक कोई पेनल्टी लगा सकता है। हालांकि, आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में बैंक द्वारा लगाए गए शुल्क के कारण खाते का बैलेंस नेगेटिव में नहीं जाना चाहिए। इससे ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा बनी रहती है और ग्राहक पर अनावश्यक वित्तीय बोझ नहीं पड़ता। बैंक की ओर से लगाए जाने वाले किसी भी चार्ज को लेकर पारदर्शिता बनाए रखना अनिवार्य है।
जनधन खातों पर नहीं लगेगी कोई पेनल्टी
सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की कोई बाध्यता नहीं है। इस योजना के अंतर्गत खुले खातों में न्यूनतम राशि नहीं होने पर भी बैंक ग्राहकों से कोई पेनल्टी नहीं वसूल सकता। यह योजना गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की गई थी और इसके तहत खाता धारकों को खाता खोलने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता और न ही न्यूनतम बैलेंस रखने की शर्त रहती है। इसके अलावा, जनधन खाताधारकों को दुर्घटना बीमा, ओवरड्राफ्ट सुविधा जैसी कई सुविधाएं भी मुफ्त में दी जाती हैं। यदि आपके पास जनधन खाता है, तो आप निश्चिंत होकर खाते का उपयोग कर सकते हैं और न्यूनतम बैलेंस को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
बैंक खुद तय करते हैं सर्विस चार्ज के रेट
सेविंग्स अकाउंट में सर्विस चार्ज के मामले में रिजर्व बैंक ने बैंकों को अपने बोर्ड-अप्रूव्ड पॉलिसी के अनुसार चार्ज तय करने की अनुमति दी है। इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक बैंक अपने स्तर पर यह तय कर सकता है कि वह किन सेवाओं पर कितना चार्ज लगाएगा। हालांकि, यह सुनिश्चित करना बैंक की जिम्मेदारी है कि सभी शुल्क पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किए जाएं और ग्राहकों को इसके बारे में पहले से जानकारी दी जाए। साथ ही, बैंक को यह भी ध्यान रखना होता है कि लगाए गए चार्ज ग्राहकों पर अनावश्यक बोझ न डालें। अगर आप एसबीआई के ग्राहक हैं, तो आप अपने खाते में लागू नियमों और शुल्क की जानकारी बैंक की वेबसाइट, मोबाइल ऐप या शाखा में जाकर प्राप्त कर सकते हैं। इससे आप अपने खाते की सही देखभाल कर पाएंगे और किसी भी प्रकार के अनावश्यक शुल्क से बच सकेंगे।