प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत तेजी से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक विकास के बीच हमें अपने आर्थिक हितों के प्रति सतर्क रहना होगा। पीएम मोदी ने किसानों, छोटे उद्योगों और युवाओं के रोजगार को देश की प्राथमिकताएं बताते हुए कहा कि सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में महंगाई नियंत्रण में है, निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर हैं और ग्रामीण विकास भी तेज़ी से हो रहा है।
जीएसटी संग्रहण और महंगाई दर में सुधार
वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2025 में देश का गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (GST) संग्रहण सालाना आधार पर 7.5% बढ़कर ₹1,95,735 करोड़ हो गया। यह लगातार सातवां महीना है जब संग्रहण ₹1.8 लाख करोड़ से ऊपर रहा है। अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच जीएसटी संग्रहण में 10.7% की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं महंगाई दर में गिरावट भी लोगों के लिए राहत भरी खबर रही। जून 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर घटकर 2.10% रही, जो जनवरी 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट (जैसे सब्ज़ियां, अनाज, दूध, दालें आदि) ने घरेलू खर्च को कम किया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार
ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था में भी मजबूती देखने को मिल रही है। नाबार्ड के जुलाई 2025 के ग्रामीण आर्थिक स्थिति और भावना सर्वेक्षण (RECSS) के अनुसार, 76.6% ग्रामीण परिवारों ने उपभोग में वृद्धि बताई, जबकि 39.6% परिवारों ने आय में बढ़ोतरी दर्ज की। ग्रामीण क्षेत्रों में जून में महंगाई दर 1.72% रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 394 बेसिस पॉइंट कम है। यह आपूर्ति स्थिति में सुधार और गैर-शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की वृद्धि को दर्शाता है। एफएमसीजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने भी बताया कि ग्रामीण मांग में सुधार हो रहा है और छोटे शहरों के साथ-साथ ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स जैसे माध्यमों से बिक्री बढ़ रही है। जनवरी 2025 में आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 5.5% किया था, जिससे कर्ज सस्ता हुआ और उपभोग व निवेश को बढ़ावा मिला।
निर्यात में तेज़ी और व्यापार घाटा घटा
वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में भारत का निर्यात $210.31 अरब रहा, जो सालाना आधार पर 5.94% की वृद्धि है। इसी अवधि में आयात में 4.38% की वृद्धि हुई, जिससे व्यापार घाटा 9.4% घटकर $20.31 अरब रह गया। सेवा क्षेत्र का निर्यात 10.93% बढ़कर $98.13 अरब रहा। गैर-पेट्रोलियम निर्यात में 5.98% और गैर-रत्न-जवाहरात निर्यात में 7.23% की वृद्धि हुई। इलेक्ट्रॉनिक सामान, चाय, मांस, डेयरी, जूट और अनाज जैसे क्षेत्रों में निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। ‘मेक इन इंडिया’ अभियान और आत्मनिर्भर भारत मिशन जैसे सरकारी प्रयासों ने निर्यात को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।