स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को एक बड़ा आर्थिक तोहफ़ा दिया। उन्होंने ऐलान किया कि आगामी दिवाली तक अगली पीढ़ी का GST सुधार (Next Generation GST Reform) लागू किया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री की इस घोषणा का देशभर के कारोबारी वर्ग ने गर्मजोशी से स्वागत किया है। कारोबारियों का कहना है कि यह कदम न केवल कर संरचना को सरल बनाएगा, बल्कि व्यापार करने की प्रक्रिया को भी आसान कर देगा।
उपभोक्ताओं को भी मिलेगा फायदा
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह निर्णय केंद्र सरकार की ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके अनुसार नए सुधारों से टैक्स अनुपालन का बोझ घटेगा और विभिन्न वस्तुओं पर कर दरों में संतुलन आएगा। इससे न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी बल्कि स्टार्टअप्स और नए कारोबार के लिए भी अवसर खुलेंगे। कर दरों में संभावित कटौती से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और बाज़ार में मांग बढ़ेगी। इसी बीच फेडरेशन ऑफ सदर बाज़ार ट्रेड्स एसोसिएशन (FESTA) के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा और अध्यक्ष राकेश यादव ने भी प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत किया। उनका मानना है कि रोज़मर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर कर में भारी कमी आने से आम जनता को राहत मिलेगी और छोटे-मझोले उद्योगों के लिए व्यापार करना आसान होगा।
स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा और बाज़ार सुधार की ज़रूरत
फेस्टा के चेयरमैन पम्मा का कहना है कि करों में कटौती से स्वदेशी वस्तुएं सस्ती होंगी और विदेशी उत्पादों के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगी। इससे ‘वोकल फॉर लोकल’ को भी गति मिलेगी। उन्होंने सरकार से अपील की कि केवल कर सुधार ही नहीं, बल्कि बाज़ार की बुनियादी सुविधाओं जैसे पार्किंग और सड़कों की स्थिति में भी सुधार किया जाए ताकि ग्राहक आसानी से बाज़ार तक पहुंच सकें। साथ ही उन्होंने लाइसेंस योजनाओं को सरल बनाने और नौकरशाही की दखलअंदाजी कम करने की मांग की, ताकि उद्योग बिना डर और बाधा के काम कर सके और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिले। पम्मा का मानना है कि यदि सरकार इस दिशा में भी ठोस कदम उठाए तो GST सुधारों का असर और ज्यादा व्यापक होगा।
GST दरों में सुधार की मांग और व्यापार जगत की उम्मीदें
चेम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने भी प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षों से 8 करोड़ से अधिक व्यापारी जटिल GST कानून और ऊंची दरों से जूझ रहे हैं। सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ध्यान दिलाया कि ट्रैक्टर पार्ट्स, ऑटो पार्ट्स और टू-व्हीलर पार्ट्स जैसी आम जरूरत की वस्तुएं फिलहाल 28% टैक्स स्लैब में आती हैं, जबकि इन्हें 5% या 12% में होना चाहिए ताकि आम जनता को राहत मिले। उन्होंने खाद्य वस्तुओं पर GST की विसंगतियों का भी उल्लेख किया—जैसे कि एक ही पैकेजिंग में बिकने वाले मिठाई, नमकीन, काजू, बादाम और स्नैक्स पर अलग-अलग कर स्लैब लागू हैं, जिससे व्यापारियों को बिलिंग में परेशानी होती है। गोयल ने सुझाव दिया कि मौजूदा पाँच स्लैब (0%, 5%, 12%, 18%, 28%) की जगह केवल तीन स्लैब (0%, 5% और 12%) रखे जाएं और 28% वाला स्लैब केवल तंबाकू और लग्ज़री वाहनों तक सीमित हो। कारोबारी जगत का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल देश की आर्थिक प्रगति को नई रफ्तार देगी और व्यापारिक माहौल को और सुदृढ़ बनाएगी।