Monsoon Session of Parliament 2025: संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है जो 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं। हालांकि 12 अगस्त से 18 अगस्त तक स्वतंत्रता दिवस समारोह के कारण कार्यवाही स्थगित रहेगी। यह सत्र काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि सरकार इस दौरान 8 नए विधेयक पेश करने जा रही है और साथ ही 7 पुराने लंबित विधेयकों पर भी चर्चा की जाएगी।
सर्वदलीय बैठक में जुटे दिग्गज नेता
सत्र से पहले सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कई प्रमुख दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बीजेपी से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू मौजूद रहे वहीं कांग्रेस से गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी शामिल हुए। इसके अलावा शिवसेना, जेडीयू, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, अकाली दल और एनसीपी-एसपी जैसी पार्टियों के नेताओं की भी उपस्थिति रही। यह बैठक सत्र को सुचारू और सहमति से चलाने के उद्देश्य से की गई।
नए विधेयकों में शिक्षा, खेल और खनन से जुड़े कानून
इस मानसून सत्र में जो नए विधेयक लाए जा रहे हैं उनमें कई अहम क्षेत्र शामिल हैं। ‘भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025’ शिक्षा व्यवस्था में बदलाव ला सकता है। वहीं ‘राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक 2025’ खेल संघों के नियमन को मजबूत करने की दिशा में कदम होगा। इसके अलावा खनन और विरासत स्थलों की सुरक्षा से जुड़े कानून भी इस सत्र में पेश किए जाएंगे।
लंबित विधेयकों में व्यापार और टैक्स प्रणाली से जुड़े प्रस्ताव
सरकार 7 ऐसे विधेयकों पर भी काम करेगी जो पहले से लंबित हैं। इनमें ‘भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025’, ‘आयकर विधेयक 2025’ और ‘मर्चेंट शिपिंग बिल 2024’ शामिल हैं। ये विधेयक देश की टैक्स व्यवस्था और समुद्री व्यापार से जुड़े नियमों को नया स्वरूप देने की कोशिश हैं। इसके अलावा गोवा में अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण के पुनर्निर्धारण से जुड़ा विधेयक भी महत्वपूर्ण है।
विपक्ष की नजरें सरकार की रणनीति पर टिकीं
जहां सरकार विधेयकों को पारित कराने की रणनीति बना रही है वहीं विपक्ष की नजर इन विधेयकों में छिपे असर पर है। कांग्रेस, डीएमके और समाजवादी पार्टी जैसे दल कई विधेयकों पर आपत्ति जता सकते हैं खासकर जब बात कर वसूली और संस्थागत स्वतंत्रता की हो। ऐसे में संसद में गर्मागर्म बहस की पूरी संभावना है और सत्र के शांतिपूर्ण संचालन के लिए सहयोग और सहमति की आवश्यकता होगी।