देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह इस हफ्ते में दूसरी बार था जब धरती हिली और लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। शुक्रवार 11 जुलाई को आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई। इससे ठीक एक दिन पहले गुरुवार को सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे।
जुलाई में तीसरी बार हिली धरती
जुलाई महीने में यह तीसरी बार है जब दिल्ली में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। हालांकि अब तक आए सभी झटकों की तीव्रता सामान्य रही है। किसी तरह की जानमाल की हानि की कोई खबर नहीं है लेकिन लगातार कंपन से लोगों के दिलों में डर बैठ गया है। जैसे ही धरती हिलती है लोग फौरन अपने घरों से बाहर भाग जाते हैं और सड़कों पर खड़े हो जाते हैं।
क्यों बार-बार आते हैं भूकंप के झटके?
दिल्ली एक भूकंप संवेदनशील क्षेत्र में आता है। अगर यहां कोई बड़ा भूकंप आता है तो उसकी तीव्रता 6 से 6.9 तक हो सकती है जो जानलेवा साबित हो सकती है। इसकी बड़ी वजह है दिल्ली का हिमालय के पास स्थित होना। भारत और यूरेशिया की टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के कारण धरती के अंदर लगातार हलचल होती रहती है। इसका असर नेपाल और तिब्बत के इलाकों में भी दिखता है और जब वहां भूकंप आता है तो दिल्ली भी उसकी चपेट में आ जाती है।
फरीदाबाद में था भूकंप का केंद्र
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार मंगलवार सुबह 6 बजे एक और भूकंप दर्ज किया गया जिसकी तीव्रता 3.2 रही। इसका केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद में था और यह जमीन से 5 किलोमीटर की गहराई में हुआ। भूकंप के दौरान कुछ सेकंड तक धरती हिली जिससे लोग डर गए लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ।
लोगों में दहशत का माहौल
लगातार आ रहे छोटे-छोटे भूकंपों से दिल्ली-एनसीआर के लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। भले ही इन झटकों की तीव्रता कम हो लेकिन इनकी बारंबारता ने सभी को चिंता में डाल दिया है। लोग अब सतर्कता बरतने लगे हैं और किसी भी हलचल को लेकर सावधान रहते हैं। सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से घबराने की बजाय सतर्क रहने की अपील की है।