प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों मालदीव की यात्रा पर हैं। वे मालदीव की 60वीं स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यह अवसर दोनों देशों के बीच गहरे मित्रता और कूटनीतिक संबंधों को दर्शाता है। पीएम मोदी के स्वागत में मालदीव सरकार ने विशेष डाक टिकट भी जारी किया जो 60 वर्षों की मित्रता का प्रतीक है।
4850 करोड़ रुपये का ऋण और 8 अहम समझौते
इस दौरे के दौरान भारत और मालदीव के बीच कुल 8 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें ऋण सुविधा, मुक्त व्यापार समझौता (FTA), मत्स्य पालन, जल कृषि, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, औषधि विज्ञान और यूपीआई सेवा प्रमुख हैं। भारत ने मालदीव को 4850 करोड़ रुपये (565 मिलियन डॉलर) का ऋण भी दिया है जो बुनियादी ढांचे के विकास में काम आएगा।
बदले रिश्ते और नया विश्वास
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुज्जू के “इंडिया आउट” अभियान के बाद भारत और मालदीव के संबंधों में थोड़ी खटास आई थी। लेकिन इस यात्रा ने फिर से विश्वास की नींव को मजबूत कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत संकट या महामारी के समय हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है और आगे भी रहेगा।
आम नागरिकों से जुड़े सहयोग क्षेत्रों पर ज़ोर
राष्ट्रपति मुज्जू ने कहा कि भारत मालदीव का सबसे भरोसेमंद और निकटतम साझेदार रहा है। सुरक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग आम लोगों के जीवन पर सीधा असर डालता है। हर दिन सैकड़ों मालदीववासी इलाज, पढ़ाई और व्यापार के लिए भारत आते हैं और भारत से आने वालों को भी वहां सम्मान मिलता है।
क्षेत्रीय सुरक्षा और साझा विकास पर चर्चा
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि इस यात्रा के दौरान हुए समझौते मालदीव पर भारत के ऋण भुगतान का बोझ 40 प्रतिशत तक कम करेंगे। इसके साथ ही दोनों देश अब साझा क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर मिलकर काम करेंगे। इस सहयोग से हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थायित्व को बढ़ावा मिलेगा।