भुवनेश्वर मेट्रो पर संकट! टेंडर रद्द होते ही नवीन पटनायक भड़के, बोले– 10 साल पीछे चला शहर

By: MPLive Team

On: Sunday, July 27, 2025 8:58 AM

भुवनेश्वर मेट्रो पर संकट! टेंडर रद्द होते ही नवीन पटनायक भड़के, बोले– 10 साल पीछे चला शहर
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ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल (BJD) प्रमुख नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर मेट्रो रेल परियोजना को रद्द करने को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे “जनता के साथ विश्वासघात” करार दिया और कहा कि इस निर्णय से भुवनेश्वर शहर विकास की दिशा में 10 साल पीछे चला जाएगा। यह मेट्रो परियोजना उनके कार्यकाल के दौरान शुरू की गई थी और इससे राजधानी को विश्वस्तरीय सार्वजनिक परिवहन प्रणाली मिलने की उम्मीद थी।

नवीन पटनायक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार और मुख्यमंत्री मनोज मंझी को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “मैं यह जानकर स्तब्ध हूं कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के साथ हुआ भुवनेश्वर मेट्रो रेल का अनुबंध रद्द कर दिया गया है। यह फैसला न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है।”

भुवनेश्वर को विश्वस्तरीय शहर बनाने का सपना अधूरा: पटनायक

नवीन पटनायक ने इस फैसले को भविष्य के ओडिशा के सपने को तोड़ने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का हमेशा यह सपना रहा है कि भुवनेश्वर को विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिए उन्होंने अपने कार्यकाल में बड़े पैमाने पर खेल अधोसंरचना, अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विस्तार पर जोर दिया।

पटनायक ने कहा, “भुवनेश्वर मंदिरों का शहर होने के साथ-साथ अब आईटी, खेल और शिक्षा का केंद्र बन चुका है। मेट्रो जैसी सुविधा यहां के नागरिकों के जीवन को और बेहतर बनाती। यह सिर्फ एक परिवहन परियोजना नहीं थी, बल्कि शहर के समग्र शहरी विकास की दिशा में एक अहम कदम था।” उन्होंने आगे बताया कि यह परियोजना भीड़-भाड़ को कम करने के साथ-साथ मौजूदा सार्वजनिक परिवहन जैसे मोबस, बस सेवाओं को भी मजबूती प्रदान करती।

भुवनेश्वर मेट्रो पर संकट! टेंडर रद्द होते ही नवीन पटनायक भड़के, बोले– 10 साल पीछे चला शहर

डबल इंजन सरकार की नीति पर सवाल, परियोजना की समयसीमा तय थी: पटनायक

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 2027 तक मेट्रो परियोजना के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा था। सभी योजनाएं तय थीं और कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा था। उन्होंने कहा कि यह परियोजना केवल राजधानी को आधुनिक बनाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह रोजगार, निवेश और बुनियादी ढांचे में सुधार का भी स्रोत बनने वाली थी।

पटनायक ने आरोप लगाया कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने सत्ता में आते ही मेट्रो परियोजना को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा और आम जनता के हितों को नजरअंदाज कर दिया। “यह फैसला जनता के विश्वास और उम्मीदों पर कुठाराघात है। डबल इंजन सरकार ने राज्य की जनता से वादा करके अब खुद ही उस वादे को तोड़ दिया है,” उन्होंने कहा।

भविष्य की दिशा में बड़ा झटका, विकास की रफ्तार पर विराम: नवीन पटनायक

नवीन पटनायक ने यह स्पष्ट किया कि भुवनेश्वर मेट्रो रेल परियोजना केवल एक संरचना नहीं थी, बल्कि यह भविष्य की सोच का प्रतिनिधित्व करती थी। उन्होंने कहा, “इस फैसले से राज्य की राजधानी को 10 साल पीछे धकेल दिया गया है। एक उभरते महानगर को आधुनिकता की ओर ले जाने की बजाय, यह सरकार उसे अंधेरे की ओर ले जा रही है।”

उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि वह पहले से तैयार योजनाओं और समझौतों को आगे बढ़ाते, न कि उन्हें रद्द करते। इससे निवेशकों का विश्वास भी डगमगाएगा और ओडिशा में भविष्य की परियोजनाओं पर नकारात्मक असर पड़ेगा। “भाजपा सरकार को जनता के विकास के सपनों को समझना चाहिए, न कि उन्हें राजनीति की भेंट चढ़ाना चाहिए,” पटनायक ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा।

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