भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के बाहरी इलाके में सफलतापूर्वक ‘Operation Mahadev’ को अंजाम दिया है। इस ऑपरेशन में तीन खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया गया है जिनमें सबसे बड़ा नाम है सुलेमान उर्फ आसिफ, जो पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा था। उसके साथ दो और आतंकी जिब्रान और हमजा अफ़गानी भी ढेर किए गए हैं। जिब्रान सोनमर्ग टनल हमले में शामिल था।
90 दिनों की रणनीति और ऑपरेशन की शुरुआत
इस ऑपरेशन की तैयारी पिछले 90 दिनों से चल रही थी। 18 जुलाई से सुरक्षाबलों को इन आतंकियों की गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी। उन्हें पहाड़ों की चोटी पर देखा गया था और उनके कम्युनिकेशन सेट इंटरसेप्ट किए गए थे। इसके बाद भारतीय सेना की दो नेशनल राइफल टीमें और स्पेशल फोर्सेस ने मिलकर एक चक्रव्यूह रचना शुरू की ताकि न तो आम नागरिकों को कोई नुकसान हो और न ही हमारे जवानों को।
बेहद सटीक और योजनाबद्ध कार्रवाई
सेना ने इलाके को चारों ओर से घेरकर एक ही समय में तीनों आतंकियों पर फायरिंग शुरू की। इलाके में घना जंगल था और किसी भी तरह से आतंकी भाग न सकें, इसका पूरा ध्यान रखा गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी और सीआरपीएफ की दो यूनिट्स के साथ वादी क्विक एक्शन टीम भी इस ऑपरेशन में शामिल थीं। सेना के साथ सामंजस्य बनाकर इन एजेंसियों ने बाहरी घेरे की जिम्मेदारी संभाली।
एलजी मनोज सिन्हा का बयान
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ऑपरेशन महादेव की सफलता पर सेना और पुलिस को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सच है कि तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बीते कई महीनों से ऐसे ऑपरेशन लगातार चल रहे हैं और प्रशासन कश्मीर से आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए संकल्पबद्ध है।
आधुनिक तकनीक से मिला आतंक पर नियंत्रण
इस ऑपरेशन में सेना ने अत्याधुनिक उपकरणों का भी भरपूर उपयोग किया। नाइट विज़न कैमरा, ड्रोन और इंटेलिजेंस एजेंसी की मदद से आतंकियों की लोकेशन की पुष्टि की गई। अनंतनाग, डेचिगांव और अन्य स्थानों पर भी इसी ऑपरेशन के तहत कार्रवाई जारी है। 2000 से अधिक जवानों ने इस अभियान में भाग लिया। आज दोपहर बाद 15 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।