महाराष्ट्र के मलेगांव में हुए बम ब्लास्ट केस में गुरुवार को एक बड़ा फैसला आया है। एनआईए विशेष न्यायालय ने इस मामले के सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है, जिनमें साद्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित भी शामिल हैं। करीब 17 सालों बाद आई यह बड़ी निर्णय सोशल मीडिया और राजनीतिक चर्चा का विषय बनी हुई है। इस फैसले के बाद महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। इस अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।
मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का प्रयास क्यों?
पूर्व इंस्पेक्टर मेहबूब मुझावर ने मलेगांव ब्लास्ट केस के फैसले के बाद बड़ा खुलासा किया है। मुझावर ने बताया कि उन्हें मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। उनके अनुसार, इस गिरफ्तारी का मकसद ‘सफेद आतंकवाद’ यानी ‘सफेद आतंकवाद’ की धारणा को स्थापित करना था। मुझावर ने बताया कि उन पर इस मामले की जांच करते हुए उच्चाधिकारियों ने कई गोपनीय आदेश दिए थे, जिनमें मोहन भागवत के साथ-साथ राम कालसांगरा, संदीप डांगे और दिलीप पाटीदार जैसे अन्य लोगों को भी निशाना बनाया गया था। लेकिन वे आदेश ऐसे थे जिनका पालन करना संभव नहीं था।
फर्जी जांच और फर्जी अफसर का पर्दाफाश
मुझावर ने सोलापुर में कहा कि मलेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट के फैसले ने ATS की ‘फर्जी’ जांच का पर्दाफाश कर दिया है। उन्होंने बताया कि शुरूआत में इस केस की जांच ATS कर रहा था, लेकिन बाद में इसे NIA को सौंप दिया गया। मेहबूब मुझावर ने कहा, “यह फैसला एक नकली अधिकारी द्वारा की गई नकली जांच को उजागर करता है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें दिए गए आदेश इतने संदिग्ध थे कि उनका पालन करना संभव नहीं था और उन्होंने सच की पहचान करते हुए उन्हें नजरअंदाज किया।
मेरे खिलाफ झूठा केस दर्ज, 40 साल की सेवा खत्म
पूर्व इंस्पेक्टर मेहबूब मुझावर ने कहा कि उन्होंने मोहन भागवत को गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि वे सच जानते थे। मुझावर ने कहा, “मोहान भागवत जैसे बड़े नेता को पकड़ना मेरी क्षमता से बाहर था। आदेशों का पालन न करने के कारण मुझ पर झूठा मामला दर्ज कर दिया गया और मेरी 40 साल की पुलिस सेवा तबाह हो गई।” उन्होंने यह भी कहा कि ‘सफेद आतंकवाद’ कोई सच नहीं था, बल्कि पूरी कहानी फर्जी थी। मुझावर के इस खुलासे ने मलेगांव ब्लास्ट केस की जांच और उसके पीछे की राजनीतिक साजिशों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
August 1, 2025