डोनाल्ड ट्रंप जब 2025 में दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उनके फैसलों की चर्चा फिर से तेज़ हो गई। चाहे अवैध प्रवासियों का मुद्दा हो या व्यापार पर टैक्स लगाने का मामला हो ट्रंप हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन इस बार उनके कार्यकाल में सबसे बड़ी चर्चा का विषय बना है अमेरिका से भारतीय नागरिकों की जबरदस्त वापसी। सिर्फ छह महीने में 1703 भारतीयों को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया है। ये आंकड़ा पिछले बाइडेन प्रशासन की तुलना में तीन गुना ज्यादा है।
बाइडेन बनाम ट्रंप: तुलना में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई
अगर बाइडेन सरकार के समय की तुलना करें तो रोज़ाना औसतन तीन भारतीयों को वापस भेजा जाता था। लेकिन ट्रंप के कार्यकाल में यह आंकड़ा रोज़ाना आठ तक पहुंच गया है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में कुल 7244 भारतीयों को वापस भेजा गया है। मगर सिर्फ इस साल यानी 2025 में ही छह महीनों में करीब 1700 भारतीय लौटाए गए हैं जो कुल आंकड़ों का एक चौथाई हिस्सा है।
अमेरिका ने वीज़ा नियमों में बढ़ाई सख्ती
अमेरिकी सरकार ने हाल ही में साफ कर दिया है कि वीज़ा धारकों पर निगरानी और कड़ी की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति अमेरिकी कानूनों और वीज़ा नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका वीज़ा रद्द कर दिया जाएगा और उसे तत्काल देश से निकाल दिया जाएगा। बीते कुछ महीनों में यह देखा गया है कि अमेरिका ने वीज़ा और इमिग्रेशन से जुड़ी जांचें और अधिक कड़ी कर दी हैं।
विशेष उड़ानों से हुई वापसी की प्रक्रिया
अमेरिका से जिन 1703 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया उनमें से 864 को विशेष चार्टर और मिलिट्री फ्लाइट्स के ज़रिए भारत भेजा गया। 5, 15 और 16 फरवरी को 333 लोगों को वापस भेजा गया। इसी तरह 19 मार्च, 8 जून और 25 जून को भी सैकड़ों भारतीयों को चार्टर फ्लाइट्स से भेजा गया। 5 और 18 जुलाई को फिर 300 भारतीयों को वापस भारत लाया गया।
ट्रंप की साफ चेतावनी: अवैध प्रवासियों के लिए कोई जगह नहीं
ट्रंप प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अमेरिका अब अवैध प्रवासियों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा। कई देशों ने अमेरिका के इस सख्त रुख पर आपत्ति भी जताई है लेकिन ट्रंप सरकार अपनी नीति से पीछे हटने के मूड में नहीं दिखती। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका में केवल वैध और नियमों का पालन करने वाले प्रवासी ही रह सकते हैं।