भारत निर्वाचन आयोग की ओर से एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारत निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश के 15 राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। चुनाव आयोग ने देश भर के 334 दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया है, जिनमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राजनीतिक दल भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि राजनीतिक दल जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत पंजीकृत होते हैं। अगर वे 6 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ते हैं, तो उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है। अब देश भर में 6 राष्ट्रीय राजनीतिक दल और 67 क्षेत्रीय दल बचे हैं।
इससे पहले, जून 2025 में, चुनाव आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को 345 दलों की जाँच करने का निर्देश दिया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने इसकी जाँच की और इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। प्रत्येक दल को व्यक्तिगत सुनवाई के माध्यम से अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया।
इसके बाद, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर, यह पाया गया कि कुल 345 दलों में से 334 दल निर्धारित शर्तों का पालन नहीं कर रहे थे। शेष मामलों को पुनः जाँच के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के पास वापस भेज दिया गया। आयोग ने सभी सूचनाओं और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की सिफारिशों पर विचार करने के बाद, 334 दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया।
भारत में अब केवल 6 राष्ट्रीय दल
चुनाव आयोग के नए कार्रवाई के बाद, अब देश में केवल 6 राष्ट्रीय दल ही बचे हैं। इनमें अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप), मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा), देश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के 15 राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द
- भारतीय जनता भीम पार्टी
- स्वर्ण समाज पार्टी
- राष्ट्र वाहिनी पार्टी
- लोकतांत्रिक सरकार पार्टी
- क्रांतिकारी किसान सेना
- किसान मजदूर प्रज्ञा पार्टी
- जन न्याय दल
- जनता विकास पार्टी
- जय मानवता पार्टी
- गोंडवाना मुक्ति पार्टी
- गोंडवाना कांग्रेस पार्टी
- भारतीय सत्य संघर्ष पार्टी
- भारतीय जन जागरूक पार्टी
- भारतीय ग्रामीण समाज पार्टी
- अंजुमन पार्टी