Indian Railway: भारत में ट्रेन टिकटों को लेकर मारामारी जल्द ही खत्म हो सकती है। दरअसल, भारतीय रेलवे अपनी यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड करने जा रहा है। इससे रेलवे की टिकट बुकिंग क्षमता चार गुना बढ़ जाएगी। अपग्रेड के बाद, यह प्रणाली प्रति मिनट एक लाख टिकट बुक कर सकेगी। वर्तमान में यह क्षमता केवल 25,000 टिकट प्रति मिनट है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि रेलवे केंद्रीय रेलवे सूचना प्रणाली (CRIS) के माध्यम से पीआरएस का पूरी तरह से नवीनीकरण कर रहा है। इसके तहत हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्क उपकरण और सुरक्षा ढांचे में बदलाव और उन्नयन किया जाएगा। नई प्रणाली नवीनतम क्लाउड तकनीक पर आधारित होगी, जिससे यात्रियों को बेहतर और तेज़ सेवाएँ मिलेंगी।
2010 में लागू हुई थी PRS प्रणाली
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद को यह भी बताया कि वर्तमान पीआरएस प्रणाली 2010 में लागू हुई थी और यह इटेनियम सर्वर और ओपन वीएमएस (वर्चुअल मेमोरी सिस्टम) पर चलती है। इस कारण, मौजूदा पीआरएस प्रणाली को पारंपरिक तकनीक प्रणाली से नवीनतम क्लाउड तकनीक प्रणाली में अपग्रेड करने की आवश्यकता है।
RailOne ऐप से यात्रियों को लाभ
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे ने हाल ही में ‘रेलवन’ ऐप भी लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से यात्री अपने मोबाइल से आरक्षित और अनारक्षित दोनों टिकट बुक कर सकते हैं। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, रेलवे ने 1 नवंबर, 2024 से आरक्षित टिकटों की अग्रिम आरक्षण अवधि (ARP) को 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया है। मंत्री के अनुसार, बुकिंग और रद्दीकरण की प्रवृत्ति को कम करने के लिए यह बदलाव किया गया है।
रेलवे नॉन-एसी कोच बढ़ा रहा
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे ने सामान्य श्रेणी के यात्रियों की सुविधा के लिए बड़े कदम उठाए हैं। नॉन-एसी कोचों का प्रतिशत अब लगभग 70% बढ़ गया है और अगले पाँच वर्षों में 17,000 नए नॉन-एसी सामान्य और स्लीपर कोच बनाने का एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया है। अकेले वित्तीय वर्ष 2024-25 में लंबी दूरी की ट्रेनों में 1,250 जनरल कोच जोड़े गए हैं। इस अपग्रेड से न केवल बुकिंग क्षमता बढ़ेगी, बल्कि यात्री अनुभव भी आधुनिक और सुगम होगा। रेलवे का दावा है कि यह बदलाव भविष्य की माँगों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।