उत्तराखण्ड तक फैली छत्तीसगढ़ के बरगद की जड़ें, IPS श्वेता चौबे मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित…

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डेस्क। प्रति वर्ष 15 अगस्त को पूरे देश में आज़ादी की वर्षगांठ मनाई जाती है और केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकारें भी विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत बड़े छोटे अधिकारी कर्मचारियों को विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित करते हैं।

वैसे तो खुदको ऐसे सम्मान प्राप्त करने के काबिल बनाना ही अपने आपमें एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन जब एक महिला अधिकारी अपनी जन्मभूमि से दूर रहकर खुदको साबित करती है और अपने गृह राज्य से दूर किसी दूसरे राज्य में ऐसे सम्मान प्राप्त करती है तो ऐसा पुरस्कार न केवल उस अधिकारी के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि होता है।

इस वर्ष भी राज्य सरकारों ने अपने राज्य में सराहनीय सेवा दे रहे अधिकारियों को चयनित कर उनका सम्मान किया। इनमें एक राज्य उत्तराखण्ड भी है, जहां हाल ही में बदल फटने से तबाही की खबर सामने आई थी और राहत एवं बचाव कार्य के लिए जिन अधिकारियों को चुनकर विशेष टीम का गठन किया गया था। बचाव एवं राहत कार्य के लिए बनाई गई उस विशेष टीम में एक नाम छत्तीसगढ़ मूल की IPS श्वेता चौबे का भी था।

यह स्वतंत्रता दिवस छत्तीसगढ़ के लिए थोड़ा ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए भी माना जा सकता है क्योंकि इस बार छत्तीसगढ़ की बेटी ने उत्तराखण्ड में अपनी छाप छोड़ी है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस अधीक्षक रहे राष्ट्रपति पुरस्कार से 2 बार सम्मानित दिवंगत IPS विजय शंकर चौबे, जिन्होंने आगे जाकर छत्तीसगढ़ के DGP पद की कमान संभाली थी उनकी बेटी हैं IPS श्वेता चौबे। दिवंगत DGP विजय शंकर चौबे छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ के मूल निवासी थे उन्होंने ने सारा जीवन छत्तीसगढ़ पुलिस में अपनी सेवाएं दी, जिसके चलते श्वेता का बचपन भी दुर्ग समेत छत्तीसगढ़ के कुछ अन्य जिलों में बीता है।

छत्तीसगढ़ में अपना बचपन बीतने के बाद श्वेता ने UKPSC की परीक्षा पास की और बतौर DSP अपनी सेवाएं देने लगीं। बीतते समय के साथ श्वेता को उनके नाम से ज्यादा उनके काम से जाना जाने लगा। विभागीय पदोन्नति के बाद IPS अवार्ड हुआ, जिसके बाद उन्होंने अपने काम के बलबूते कई बड़े कीर्तिमान रचे और उन्हें “उत्तराखंड की शेरनी” के नाम से जाना जाने लगा। उनके विशिष्ट कार्यों के लिए सरकार द्वारा उन्हें सराहा भी गया।

बीते वर्ष ही IPS श्वेता चौबे को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी, जिसके बाद 26 जनवरी 2025 को उन्हें इस सम्मान से पुरस्कृत किया गया। इसी वर्ष उन्हें उत्तराखंड में महिला सुरक्षा के लिए चलाए गए “Operation Pink” के लिए स्कोच अवॉर्ड से सम्मानित किया गया और आज स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया है।

छत्तीसगढ़ मूल की IPS श्वेता चौबे लगातार अपनी सेवाओं से अपना और छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय पटल पर स्वर्ण अक्षरों में अंकित कर रहीं है और अपनी कार्यव्यनिष्ठिता के चलते “छत्तीसगढ़ की बेटी” अब “उत्तराखण्ड की शेरनी” के नाम से पहचानी जा रही हैं।

देवेन्द्र पाण्डेय "संपादक"

ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली की पावन धरा से निकला. पठन-पाठन से प्यार था लिहाजा पत्रकारिता से बेहतर पेशा कोई और लगा नहीं. अखबार से शुरु हुआ सफर टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यम में जारी है. इस दौरान करीब 14 साल गुजर गए पता ही नहीं चला. Read More
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