क्या भारत से भाग जाएंगी टेक कंपनियां? सैमसंग की गिरावट से उभरा बड़ा खतरा!

By: MPLive Team

On: Monday, July 28, 2025 12:01 PM

क्या भारत से भाग जाएंगी टेक कंपनियां? सैमसंग की गिरावट से उभरा बड़ा खतरा!
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साल 2025-26 की पहली तिमाही में सैमसंग के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में करीब 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जून तिमाही में जहां कंपनी ने लगभग 1.17 बिलियन डॉलर के फोन एक्सपोर्ट किए थे वहीं जुलाई-सितंबर तिमाही में यह घटकर सिर्फ 950 मिलियन डॉलर रह गया। यह आंकड़ा पिछली तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2025 के 1.2 बिलियन डॉलर से भी कम है। इसका मुख्य कारण है कि कंपनी अब भारत सरकार की PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम के तहत कोई प्रोत्साहन नहीं पा रही है।

खत्म हो गई PLI स्कीम की वैधता

PLI स्कीम की पांच साल की वैधता वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक थी। अब यह स्कीम समाप्त हो गई है। FY22 में सैमसंग कोविड-19 के कारण निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकी थी इसलिए उस साल उसे कोई इंसेंटिव नहीं मिला। अब कंपनी चाहती है कि FY26 में उसे एक और मौका दिया जाए ताकि FY22 की भरपाई हो सके। लेकिन सरकार की तरफ से इस पर अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है।

क्या भारत से भाग जाएंगी टेक कंपनियां? सैमसंग की गिरावट से उभरा बड़ा खतरा!

भारत की प्रतिस्पर्धा खतरे में क्यों?

रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट वियतनाम से 10 प्रतिशत और चीन से 15 प्रतिशत ज्यादा है। PLI स्कीम के तहत मिलने वाला 4 से 6 प्रतिशत का इंसेंटिव इस फर्क को थोड़ा कम करता था। लेकिन अब जब यह सहायता नहीं मिलेगी तो कंपनियों के लिए भारत में उत्पादन करना महंगा हो जाएगा। ऐसे में कंपनियां वियतनाम या चीन की ओर रुख कर सकती हैं जिससे भारत का स्मार्टफोन हब बनने का सपना अधूरा रह सकता है।

क्या Apple और Dixon Technologies भी पीछे हटेंगे?

साल 2025-26 के बाद Apple और Dixon Technologies को भी PLI स्कीम से बाहर होना पड़ेगा। Dixon भारत में Motorola, Google और Xiaomi जैसे ब्रांड्स के लिए स्मार्टफोन बनाती है। अगर इन कंपनियों को भी इंसेंटिव नहीं मिला तो इनके भी एक्सपोर्ट घट सकते हैं। इससे भारत का स्मार्टफोन निर्यात का ग्रोथ रुक सकता है और विदेशी निवेशक भारत से दूरी बना सकते हैं।

सरकार की रणनीति और नए विकल्प

सरकार ने माना है कि बिना इंसेंटिव के भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा कमजोर हो जाती है। हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि PLI स्कीम को बढ़ाया जाएगा या नहीं। लेकिन हाल ही में सरकार ने 22,919 करोड़ रुपये की नई कंपोनेंट PLI स्कीम लॉन्च की है जिसका उद्देश्य है लोकल वैल्यू एडिशन को बढ़ावा देना। इससे यह संकेत मिलते हैं कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग सपोर्ट को पूरी तरह बंद नहीं करना चाहती लेकिन नई दिशा में ले जाना चाहती है।

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