मैनचेस्टर टेस्ट के खत्म होते ही जब सब खिलाड़ी हाथ मिलाकर बाहर निकल रहे थे तो एक दृश्य ने सबका ध्यान खींचा। रविंद्र जडेजा ने ना केवल पिच को छुआ बल्कि उसे चूमा और उसकी मिट्टी को अपनी हथेली में लेकर उसे महसूस भी किया। ये भावुक पल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह सिर्फ एक परंपरा नहीं थी बल्कि एक खिलाड़ी का धन्यवाद था उस पिच के लिए जिसने उन्हें मुश्किल हालात में संभालने का मौका दिया।
कठिन हालात में चमका जडेजा का बल्ला
मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में भारत पर हार का खतरा मंडरा रहा था। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने पिच का पूरा फायदा उठाया था और भारत को दबाव में ला दिया था। लेकिन ऐसे मुश्किल हालात में जडेजा ने वो कर दिखाया जो हर कोई नहीं कर सकता। उन्होंने 185 गेंदों में 107 रन बनाकर न सिर्फ शतक जड़ा बल्कि भारत को हार से भी बचाया।
जो रूट की चूक बनी वरदान
जडेजा की इस पारी की शुरुआत एक जीवनदान से हुई जब जो रूट ने उनका आसान सा कैच टपका दिया। इसके बाद जडेजा ने मौके को हाथ से नहीं जाने दिया। उन्होंने एक के बाद एक बेहतरीन शॉट्स खेले और मैच की दिशा ही बदल दी। यह कैच अगर पकड़ा जाता तो शायद कहानी कुछ और होती लेकिन किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है जो मेहनत करने से नहीं डरते।
वॉशिंगटन सुंदर के साथ रिकॉर्ड साझेदारी
जडेजा को इस सफलता में एक और बड़ा सहारा मिला और वो थे वॉशिंगटन सुंदर। दोनों बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने 334 गेंदों में 203 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की। इस जोड़ी ने इंग्लैंड की जीत की उम्मीदों को तोड़कर रख दिया। बेन स्टोक्स ने भी स्वीकार किया कि पिच का उछाल दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए मुश्किल था लेकिन जडेजा और सुंदर बाएं हाथ के थे और उन्होंने उसका फायदा उठाया।
पिच को किया सलाम क्योंकि उसने दिया सहारा
जडेजा ने पिच को चूमा क्योंकि उन्होंने उसी की मदद से असंभव को संभव कर दिखाया। यह केवल भावनात्मक क्षण नहीं था बल्कि एक संदेश भी था कि एक खिलाड़ी और पिच के बीच भी एक रिश्ता होता है। मैनचेस्टर की वो पिच सिर्फ मिट्टी नहीं थी बल्कि एक सहयोगी साथी थी जिसने भारत को हार से बचाया।