मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बार फिर अपनी सादगी और जमीन से जुड़े स्वभाव से लोगों का दिल जीत लिया। 10 जुलाई की रात राजधानी भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में आम लोगों को उस समय हैरानी हुई जब राज्य के मुखिया अचानक उनके बीच पहुंच गए। ना कोई भारी सुरक्षा तामझाम था और ना ही कोई दिखावा। मुख्यमंत्री ने न सिर्फ आमजन से मुलाकात की बल्कि ठेले से फल भी खरीदे और बातचीत कर उनका हालचाल जाना। उनके इस व्यवहार ने सभी को चौंका भी दिया और प्रसन्न भी कर दिया।
बिना किसी प्रोटोकॉल के पहुंचे बाजार
डॉ. मोहन यादव प्रोटोकॉल तोड़ते हुए सीधे न्यू मार्केट के ठेले वालों के बीच पहुंचे। आम लोगों की तरह ही उन्होंने एक ठेले से फल खरीदा और खरीदारी के बाद तुरंत डिजिटल पेमेंट किया। उन्होंने वहां मौजूद फलों के दुकानदार से व्यापार की स्थिति और आमदनी के बारे में बातचीत की। मुख्यमंत्री के इस व्यवहार से वहां मौजूद लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि प्रदेश का मुखिया उनके साथ इतने सामान्य ढंग से खड़ा है और बातचीत कर रहा है।
ट्रैफिक सिग्नल पर खुद रोकी गाड़ी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने न केवल सादगी दिखाई बल्कि ट्रैफिक नियमों का पालन कर एक मिसाल भी कायम की। जब वह लौट रहे थे तो रास्ते में ट्रैफिक सिग्नल रेड हुआ तो उन्होंने खुद अपनी गाड़ी रुकवा दी। मुख्यमंत्री ने गाड़ी तब तक नहीं चलवाई जब तक सिग्नल ग्रीन नहीं हुआ। उनके इस एक छोटे से कदम ने यह संदेश दिया कि कानून सभी के लिए बराबर है। चाहे आम आदमी हो या फिर मुख्यमंत्री। उन्होंने यह दिखा दिया कि कानून का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
नेतृत्व का असली रूप दिखाया मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह व्यवहार यह बताता है कि एक सच्चे नेता की पहचान उसके पद से नहीं बल्कि उसके आचरण से होती है। आम जनता के बीच पहुंचकर, बिना किसी अहंकार के उनसे मिलना और उनके दुख-सुख पूछना, सच्चे जनसेवक की पहचान है। उनकी इस सादगी ने यह साबित कर दिया कि एक नेता वही होता है जो जनता के बीच से हो और उसी के साथ खड़ा हो। डॉ. यादव का यह अंदाज प्रदेश के लोगों के लिए प्रेरणा बन गया है।