इंदौर में आयोजित मध्य प्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विशेष उपस्थिति में राज्य के विकास के लिए कई बड़े कदम उठाए गए। इस कार्यक्रम में उद्योग, होटल, रियल एस्टेट, शिक्षा, रिन्यूएबल एनर्जी और आईटी जैसे क्षेत्रों में 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे राज्य में 15 हजार से अधिक नए रोजगार के अवसर बनेंगे और नगरीय व औद्योगिक विकास को एक नई ऊंचाई मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के शहरों के सर्वांगीण विकास के लिए 12 हजार 360 करोड़ रुपये की सौगात दी। साथ ही 5454 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का भूमि पूजन भी किया गया जिनमें जल आपूर्ति, सीवरेज, सफाई और अधोसंरचना निर्माण के कार्य शामिल हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 65 हजार से अधिक लाभार्थियों को 2799 करोड़ रुपये की अनुदान राशि भी प्रदान की गई।
रियल एस्टेट और शहरी विकास को मिली नई दिशा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एक समय था जब देश की जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर का योगदान 3% था जो अब बढ़कर 8.5% तक पहुंच गया है। गुजरात की गिफ्ट सिटी की मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भी ऐसी 10 स्मार्ट सिटी बनाई जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में 4 करोड़ लोगों को आवास मिला है और 8 लाख घर स्थानीय निकायों द्वारा दिए गए हैं। आगामी लक्ष्य 10 लाख नए घरों का निर्माण है। उन्होंने यह भी कहा कि आज दिल्ली मेट्रो मध्य प्रदेश की बिजली से चल रही है और प्रदेश में 5 लाख से अधिक सड़कें बन चुकी हैं। राज्य में 37 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं जिससे छात्रों को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है। रियल एस्टेट और सोलर एनर्जी के क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं हैं जिन पर राज्य सरकार लगातार काम कर रही है।
मेट्रो से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट तक, शहरों के भविष्य की नींव रखी गई
कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि ‘नेक्स्ट होराइजन : बिल्डिंग सिटीज़ ऑफ टुमॉरो’ कॉन्क्लेव से राज्य के शहरों को नई उड़ान मिलेगी। उन्होंने बताया कि भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट्स तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जा रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर में कुल 582 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। शहरी निकायों को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 1320 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। साथ ही 257 परियोजनाओं के तहत 3562 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 45,503 लाभार्थियों को गृह प्रवेश कराकर 19,541 को स्वीकृति पत्र भी सौंपे गए।
निवेशकों से सीधी बातचीत और तकनीकी समझौतों ने बढ़ाई उम्मीदें
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश-विदेश से आए निवेशकों से सीधी बातचीत की और राज्य में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने HUDCO, टाटा प्रोजेक्ट्स, ओमैक्स ग्रुप, ITC, राठी स्टील, पैटेल इंफ्रा जैसे बड़े समूहों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने हुकुमचंद मिल क्षेत्र के पुनर्विकास की योजनाओं को भी तेज गति देने की घोषणा की। शहरी विकास को गति देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लिकेशन और जियो-इन्फॉर्मेटिक्स (BISAG-N) के साथ समझौता किया है ताकि टेक्नोलॉजी के माध्यम से शहरी प्रशासन को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके। इसके अलावा IIM इंदौर और HUDCO के साथ भी समझौते किए गए हैं। कॉन्क्लेव में ‘Urbal Infra Drive’, ‘Urban Tech’, ‘Mobility for Tomorrow’ जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। वहीं, ‘अर्बन डेवलपमेंट एक्सपो’ कॉन्क्लेव का मुख्य आकर्षण रहा जिसमें प्रदेश की अब तक की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को प्रदर्शित किया गया।