Rewa में सिस्टम की लापरवाही ने छीन ली एक मां की जान, अस्पताल जा रही गर्भवती महिला ने रास्ते में तड़प-तड़प कर तोड़ा दम

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Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा संभाग के आसपास कई ग्रामीण इलाके ऐसे हैं जहाँ सड़कें नहीं हैं। मानसून के दौरान स्थिति और भी खराब हो जाती है। सीधी जिले की एक गर्भवती महिला लीला साहू ने इन दिनों सड़क की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इसी बीच रीवा जिले के सिरमौर विधानसभा क्षेत्र से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो व्यवस्थाओं की पोल खोलती है। यहाँ एक गर्भवती महिला सड़क न होने के कारण गर्भावस्था के आखिरी दिनों में अपने ससुराल आई थी, लेकिन यहाँ नदी के बढ़ते पानी ने जलभराव की स्थिति पैदा कर दी और समय पर अस्पताल न पहुँच पाने के कारण गर्भवती महिला की मौत हो गई।

2 घंटे तक रास्ते में दर्द से तड़पती रही

दरअसल, जवा तहसील से पुल के ऊपर से महना नदी का पानी आने के कारण गर्भवती महिला अस्पताल नहीं पहुँच पाई। वह करीब 2 घंटे तक रास्ते में दर्द से तड़पती रही। समय पर इलाज न मिलने के कारण रास्ते में ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। प्रिया रानी कोल 8-9 महीने की गर्भवती थी। अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिजन उसे ऑटो से अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन नदी में पानी होने के कारण वे आगे नहीं बढ़ सके और रास्ते में ही महिला ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।

व्यवस्था की बड़ी-बड़ी मांगों की पोल खोली

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक वीडियो व्यवस्था की बड़ी-बड़ी मांगों की पोल खोलता है और सोचने पर मजबूर करता है कि विकास की बड़ी-बड़ी मांगें तो हैं, लेकिन विकास कहां है? दरअसल, यह पूरी घटना सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के बरहट गाँव की है, जहाँ भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बहुत ज़्यादा था और ज़्यादा पानी होने के कारण पुल टूट गया था और जलभराव की स्थिति बन गई थी।

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जलभराव के कारण अस्पताल नहीं पहुँच पाए

इस दौरान प्रिया रानी कोल गाँव की एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना था, लेकिन पानी इतना ज़्यादा था कि गर्भवती महिला को समय पर अस्पताल नहीं पहुँचाया जा सका, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतका के ससुराल वाले वनिगवां में रहते हैं, लेकिन वहाँ की खराब सड़कों के कारण, वह गर्भावस्था के आखिरी दिनों में यह सोचकर अपनी माँ के गर्भ में आ गई थी कि जवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पास में ही है, लेकिन उसे क्या पता था कि यहाँ ऐसी नौबत आ जाएगी और उसे अपनी जान गँवानी पड़ेगी।

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40 किलोमीटर दूर ससुराल में किया गया अंतिम संस्कार

इसके बाद, परिजन उसे ट्रैक्टर और चारपाई की मदद से 40 किलोमीटर दूर ससुराल ले आए, जहाँ उसका अंतिम संस्कार किया गया। इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने प्रशासन की तमाम व्यवस्थाओं और विकास के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी है।

कई ग्रामीण इलाके ऐसे हैं जहाँ सड़कें नहीं हैं

आपको बता दें कि आज भी कई ग्रामीण इलाके ऐसे हैं जहाँ सड़कें नहीं हैं और बारिश के दिनों में पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। सीधी की एक गर्भवती महिला लीला साहू ने गाँव की अन्य गर्भवती महिलाओं के साथ मिलकर सड़क की माँग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है, क्योंकि उन्हें भी डर है कि अगर उन्हें अचानक अस्पताल जाना पड़ा, तो वे कैसे जाएँगी?

हम मामले की प्राथमिकता से जाँच करेंगे

इस घटना के बारे में रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा, “अभी बारिश का मौसम है। हम मामले की जानकारी जुटाएँगे। आमतौर पर अगर किसी गाँव में प्रधानमंत्री सड़क के साथ अन्य सुविधाएँ हैं या कोई ग्राम पंचायत ऐसी है जहाँ नदी या नाला पार करने में समस्या है, तो हम मामले की प्राथमिकता से जाँच करेंगे।”

देवेन्द्र पाण्डेय "संपादक"

ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली की पावन धरा से निकला. पठन-पाठन से प्यार था लिहाजा पत्रकारिता से बेहतर पेशा कोई और लगा नहीं. अखबार से शुरु हुआ सफर टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यम में जारी है. इस दौरान करीब 14 साल गुजर गए पता ही नहीं चला. Read More
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