मध्यप्रदेश के सीधी जिले की रहने वाली प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर लीला साहू के संघर्ष ने आखिरकार रंग ला दिया है। पिछले एक साल से गांव में खराब सड़क को लेकर सरकार को घेर रही लीला की आवाज अब सरकार तक पहुंच गई और उनके गांव में सड़क निर्माण कार्य की शुरुआत हो गई है। लीला साहू ने खुद इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर कर दी है। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि किस तरह उनकी मांग पर अब काम शुरू हो गया है और उनके पीछे बुलडोजर सड़क निर्माण कार्य में जुटा हुआ नजर आ रहा है।
गर्भवती लीला ने वीडियो शेयर कर दिखाई सड़क पर काम की तस्वीर
गौरतलब है कि लीला साहू ने यह मांग तब उठाई थी जब गांव में खराब सड़क के कारण उनके घर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई थी। इस वीडियो में लीला ने कहा, “जब एम्बुलेंस हमारे घर तक नहीं आ पाई थी, तब मैंने इस सड़क की मांग उठाई थी। आज काम शुरू हो गया है, इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करती हूं।” लीला के पीछे वीडियो में बुलडोजर और सड़क की खुदाई का काम स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। लीला के इस वीडियो पर लोग बधाइयां दे रहे हैं और उनके हौसले की तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने हार न मानते हुए लगातार अपनी आवाज उठाई।
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सड़क निर्माण को लेकर सरकार पर उठाए थे सवाल
सीधी जिले के रामपुर नैकिन विकास खंड के बगईया टोला से गजरी को जोड़ने वाली सड़क की हालत बेहद खराब थी। लीला साहू ने पिछले साल इस सड़क को बनवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जिला कलेक्टर, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और सांसद राजेश मिश्रा तक से गुहार लगाई थी। उन्होंने बताया था कि गांव में 6 महिलाएं गर्भवती हैं लेकिन खराब सड़क के कारण उनके घर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती, जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनकी इस मांग पर कोई सुनवाई नहीं होने पर लीला ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर सरकार से सवाल पूछने शुरू किए और देखते ही देखते उनका वीडियो वायरल हो गया।
वीडियो वायरल होते ही मचा था सियासी घमासान
लीला साहू के वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश की डबल इंजन बीजेपी सरकार को न केवल आलोचनाओं का सामना करना पड़ा बल्कि विपक्ष ने भी सरकार पर इस मुद्दे पर हमला बोल दिया। सोशल मीडिया पर #VikasKahanHai हैशटैग ट्रेंड करने लगा और सरकार से सवाल पूछे जाने लगे कि विकास आखिर कहां है। वहीं, सांसद राजेश मिश्रा का विवादित बयान भी चर्चा में आया। इस पूरे मामले के बाद सरकार हरकत में आई और सड़क निर्माण कार्य को शुरू किया गया। लीला साहू का यह संघर्ष यह साबित करता है कि अगर सही तरीके से आवाज उठाई जाए तो सरकार को भी जनता की मांगें सुननी पड़ती हैं और इसका लाभ पूरे गांव और वहां की महिलाओं को मिलेगा।