सीधी जिले की लीला साहू के लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष ने अब रंग लाना शुरू कर दिया है। गांव की जर्जर सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर लीला साहू लंबे समय से प्रशासन और सरकार से गुहार लगा रही थीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब चुरहट के कांग्रेस विधायक अजय सिंह स्वयं मैदान में उतरे हैं और उन्होंने अपने निजी खर्च पर गांव की सड़क की ग्रेवलिंग का कार्य शुरू करवा दिया है। यह सड़क पिछले कई महीनों से चर्चा का विषय बनी हुई थी, खासकर उस समय जब नौ माह की गर्भवती लीला साहू ने सड़क की खराब हालत को लेकर प्रशासन से गुहार लगाई थी, लेकिन जिम्मेदारों ने इस पर चुप्पी साध ली थी। इस बीच, स्थानीय सांसद डॉ. राजेश मिश्रा का लीला साहू को लेकर दिया गया विवादित बयान भी सामने आया, जिससे इस मामले ने और अधिक तूल पकड़ लिया था।
प्रशासन खामोश, विधायक ने निभाई जिम्मेदारी
विधायक अजय सिंह ने कहा, “मेरे क्षेत्र में एक सड़क को लेकर काफी चर्चा हो रही थी। लीला साहू और उनके साथियों ने सांसदों और मंत्रियों से गुहार लगाई, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो मैंने स्वयं अपने खर्च पर सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया। यह काम विधायक निधि से नहीं बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर कराया जा रहा है।” अजय सिंह ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पोस्ट करते हुए लिखा, “जब सरकार आंखें मूंद ले और जनता की समस्याओं को नजरअंदाज करे, तब जनप्रतिनिधि को स्वयं समाधान खोजना पड़ता है।” इस पोस्ट के बाद लोगों में खुशी की लहर देखने को मिली और स्थानीय लोगों ने विधायक के इस कदम की सराहना की।
लीला साहू ने जताया आभार, ग्रामीणों को राहत की उम्मीद
गर्भवती लीला साहू ने कहा, “हमने लंबे समय से मांग की, लेकिन सरकार और प्रशासन ने हमारी नहीं सुनी। अब हमारे विधायक ने स्वयं सड़क की ग्रेवलिंग का कार्य शुरू करवा दिया है, इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “बरसात के समय स्थिति और भी खराब हो जाती थी। अब सड़क पर गिट्टी और मिट्टी बिछने के बाद गांव वालों को राहत मिलेगी। हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह सड़क पूरी तरह पक्की भी बनेगी।” लीला साहू का कहना है कि सड़क के निर्माण के बाद न सिर्फ गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचने में आसानी होगी, बल्कि एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को भी गांव में सुचारु रूप से पहुंचने में मदद मिलेगी।
एक साल से चल रहा था आंदोलन, अब मिली सफलता
लीला साहू का यह अभियान लगभग एक साल पहले सोशल मीडिया से शुरू हुआ था, जिसने धीरे-धीरे सड़क पर आंदोलन का रूप ले लिया। जहां एक ओर सड़क निर्माण के लिए उठी आवाज को जनता का समर्थन मिला, वहीं कुछ नेताओं के बयानों ने इस मामले को और अधिक चर्चा में ला दिया। लीला साहू के संघर्ष से यह साबित होता है कि यदि किसी मुद्दे को लेकर निरंतर प्रयास किया जाए, तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। वहीं, विधायक अजय सिंह का यह कदम दिखाता है कि जब सरकार और प्रशासन चुप्पी साध लेते हैं, तब जनप्रतिनिधि अपने दायित्व को निभाकर जनता की परेशानियों को दूर कर सकते हैं। अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही यह सड़क पूरी तरह पक्की होकर उनके जीवन में बदलाव लाएगी और आने वाले दिनों में गांव में विकास की रफ्तार तेज होगी।