मैं जिंदा हूं… आप स्वयं देख लो साहब! सरकारी रिकॉर्ड में जिंदा किसान मृत, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

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MP News: अगर किसी की जीवन अवधि समाप्त हो जाए और कोई हमेशा के लिए इस दुनिया से चला जाए, तो कोई शिकायत नहीं करता, लेकिन अगर हमारा सिस्टम किसी को जीते जी मार दे, तो शिकायत होना स्वाभाविक है… मध्य प्रदेश के शिवपुरी से एक ऐसी ही घटना सामने आई है। यहाँ एक गरीब किसान पिछले कुछ दिनों से अपनी अर्ज़ी लेकर सरकारी दफ़्तरों के चक्कर काट रहा है।

सिस्टम और सरकारी रिकॉर्ड ने मार डाला

पीड़ित गरीब किसान ने बताया कि पंचायत सचिव की गलती ने उसे सिस्टम और सरकारी रिकॉर्ड में मार डाला है, जिससे उसका सब कुछ ठप्प हो गया है… और वह हर फसल के लिए मोहताज है और परेशान है। वह खुद को ज़िंदा रखने के लिए एक के बाद एक गुहार लगा रहा है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। अब किसान ने जनसुनवाई में ज़िला कलेक्टर के सामने यह मुद्दा उठाया है और मांग की है कि उसे सरकारी रिकॉर्ड में ज़िंदा रखा जाए।

किसान ने खुद को ज़िंदा रखने की गुहार लगाई

यह घटना शिवपुरी ज़िले के पोहरी उपजिले के बामरा गाँव की है। यहाँ के एक बुज़ुर्ग किसान मांगीलाल शर्मा को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है। इससे परेशान होकर वह मंगलवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित जनसुनवाई में उपस्थित हुआ और अधिकारियों से उसे जीवित मानने की गुहार लगाई, लेकिन कोई माने भी तो कैसे? किसान सरकारी दफ्तर में सिस्टम की गलती सुधारने और खुद को जीवित बताने के लिए आवेदन कर रहा है।

कलेक्टर से बोला, मैं जिंदा हूँ, देख लीजिए साहब।

गाँव निवासी मांगीलाल शर्मा अपना आवेदन लेकर जिला कलेक्टर रवींद्र चौधरी के पास गया। उस समय उसने कहा, मैं जिंदा हूँ… आप खुद देख लीजिए साहब। उसने बताया कि वह पूरी तरह स्वस्थ है और रोज़ाना खेत में काम करता है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उसे मृत घोषित कर दिया गया।

मांगीलाल के बेटे गिर्राज शर्मा ने बताया कि जब वह अपने पिता की केवाईसी के लिए पूरी आईडी लाने गया, तो उसके पिता को मृत दिखा दिया गया।

सिस्टम की गलती, सजा भुगत रहा किसान

मामले की जाँच हुई तो पता चला कि 6 जनवरी, 2025 को ग्राम पंचायत सचिव ने मांगीलाल शर्मा को मृत घोषित कर दिया था। इसके चलते अब मांगीलाल को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जनसुनवाई में मांगीलाल शर्मा ने कलेक्टर से गुहार लगाई कि उन्हें सरकारी दस्तावेजों में फिर से जीवित दिखाया जाए ताकि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके और बुढ़ापे में भोजन उपलब्ध हो सके।

जिला कलेक्टर ने दिया आश्वासन

इस मामले में जनसुनवाई में प्राप्त इस याचिका के आधार पर जिला कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने जांच के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि गलती को तुरंत सुधारा जाए… उन्होंने कहा कि हमने ग्रामीण किसान को आश्वासन दिया है कि उसके साथ न्याय होगा।

देवेन्द्र पाण्डेय "संपादक"

ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली की पावन धरा से निकला. पठन-पाठन से प्यार था लिहाजा पत्रकारिता से बेहतर पेशा कोई और लगा नहीं. अखबार से शुरु हुआ सफर टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यम में जारी है. इस दौरान करीब 14 साल गुजर गए पता ही नहीं चला. Read More
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