मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 24 जुलाई को आचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 12.88 हेक्टेयर में 400 करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाली 5 इकाइयों का भूमि पूजन करेंगे। इन इकाइयों के शुरू होने से करीब 1500 युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। जिन इकाइयों का भूमि पूजन किया जाएगा, उनमें परिधान क्षेत्र में गोकुलदास एक्सपोर्ट्स, वस्त्र क्षेत्र में इंडो अकॉर्ड अपैरल्स, हाई टेक इलेक्ट्रॉनिक्स में एसेडास प्राइवेट लिमिटेड, फार्मा सेक्टर में सीनाई हेल्थ केयर और कृषि उपकरण में समर्थ एग्रीटेक शामिल हैं। यह कदम प्रदेश में स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने और औद्योगिक विकास को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
युवाओं और बहनों के रोजगार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार (23 जुलाई) को कहा कि राज्य सरकार युवाओं और बहनों के रोजगार के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न किए जा सकें। सीएम ने कहा कि हाल ही में स्पेन और दुबई की यात्रा के दौरान उन्होंने कई निवेशकों को मध्य प्रदेश में निवेश करने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा कि “वर्ष 2025 को मध्य प्रदेश में उद्योग और रोजगार का वर्ष घोषित किया गया है। प्रदेश गांव से शहर तक समृद्धि लाकर, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान कर और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाकर एक नई औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है।” इस दृष्टिकोण के साथ प्रदेश में बड़े निवेश आकर्षित किए जा रहे हैं, ताकि युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिले और पलायन पर भी रोक लगे।
विकसित मध्यप्रदेश 2047: शिक्षा में नवाचार पर जोर
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ‘विकसित मध्यप्रदेश @ 2047: ट्रेंड्स और नई संभावनाएं’ कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल कागज पर डिग्री नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका जीवन में उपयोग होना चाहिए ताकि आने वाले समय की चुनौतियों से निपटा जा सके। सीएम ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा को जीवन से जोड़ना है। इसी सोच के तहत अब कृषि शिक्षा को सामान्य स्कूलों में भी ले जाया जा रहा है, ताकि बच्चे शुरू से ही खेती से जुड़ी आधुनिक तकनीक, नवाचार और ज्ञान को सीख सकें। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि मछली उत्पादन से लेकर पशुपालन तक के क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है।
सभी विश्वविद्यालयों में शुरू होंगे वेटरनरी कोर्स
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में यह भी घोषणा की कि प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और मध्यप्रदेश को दूध उत्पादन में देश में पहले स्थान पर लाने के लिए सभी विश्वविद्यालयों में वेटरनरी कोर्स शुरू किए जाएंगे। इससे युवाओं को पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। राज्य सरकार का उद्देश्य मछली पालन, डेयरी और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब शिक्षा और रोजगार को जोड़ा जाएगा, तभी आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। शिक्षा, कृषि, उद्योग और नवाचार के समन्वय से विकसित मध्यप्रदेश 2047 का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में राज्य सरकार लगातार कदम बढ़ा रही है