बब्बर खालसा सदस्य को किराया देना पड़ा महंगा, मकान मालिक और क्रेन ऑपरेटर दोनों गिरफ्तार!

By: MPLive Team

On: Saturday, July 26, 2025 8:05 AM

बब्बर खालसा सदस्य को किराया देना पड़ा महंगा, मकान मालिक और क्रेन ऑपरेटर दोनों गिरफ्तार!
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े एक गंभीर मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने उस मकान मालिक को गिरफ्तार कर लिया है जिसने बबर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के सक्रिय सदस्य आकाशदीप उर्फ बाज को किराये पर मकान दिया था। इसके साथ ही एक अन्य व्यक्ति हरभजन सिंह, जो पेशे से क्रेन ऑपरेटर है, को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस के अनुसार, दोनों पर आतंकवादी को शरण देने और जानकारी छिपाने का आरोप है। यह मामला सामने आने के बाद शहर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं, खासकर किरायेदारों की पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को लेकर।

बटाला में रॉकेट लांचर हमले के बाद से था फरार

22 वर्षीय आकाशदीप उर्फ बाज, अमृतसर के चनांके गांव का निवासी है। वह पंजाब के बटाला में स्थित किला लाल सिंह पुलिस स्टेशन पर रॉकेट लांचर से हमला करने के बाद से फरार था। यह हमला पंजाब में पुलिस पर हुए हालिया आतंकी हमलों में से एक था, जिसने पूरे राज्य को दहशत में डाल दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खुफिया जानकारी के आधार पर आकाशदीप को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के न्यू गायत्री नगर से गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि वह इंदौर में निर्माणाधीन ISBT प्रोजेक्ट में क्रेन ऑपरेटर के रूप में काम कर रहा था। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि वह खुद को मजदूर बताकर पहचान छिपा रहा था ताकि किसी को उस पर शक न हो।

बब्बर खालसा सदस्य को किराया देना पड़ा महंगा, मकान मालिक और क्रेन ऑपरेटर दोनों गिरफ्तार!

हरभजन सिंह ने वॉट्सएप ग्रुप से की थी पहचान, दिया था कमरा

पुलिस की जांच में सामने आया है कि हरभजन सिंह, जो कि मूल रूप से पंजाब का रहने वाला है, आकाशदीप से वॉट्सएप ग्रुप के जरिए संपर्क में आया था। दोनों की बातचीत के बाद हरभजन ने उसे अपने साथ रहने का ऑफर दिया। इसके बाद दोनों गायत्री नगर स्थित राम सिंह मालवीय के मकान में किराए पर रहने लगे। पुलिस ने जब राम सिंह से पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि उसने न तो स्थानीय थाने में किरायेदारों की जानकारी दी थी और न ही पुलिस वेरिफिकेशन करवाया था। यही नहीं, उसने यह भी बताया कि उसे दोनों किरायेदारों की पृष्ठभूमि के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और वह सिर्फ हरभजन के कहने पर कमरा देने को तैयार हो गया था। यह लापरवाही अब उसके लिए भारी पड़ गई है क्योंकि उसे भी गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा है।

किरायेदारों की पुलिस जांच न कराना बना बड़ा खतरा

इस मामले ने किरायेदार वेरिफिकेशन की अनिवार्यता और गंभीरता को एक बार फिर सामने ला दिया है। पुलिस का कहना है कि अगर समय रहते किरायेदारों की जानकारी थाने में दी जाती, तो संभवतः इस आतंकी गतिविधि को अंजाम देने वाले आरोपी को पहले ही पकड़ा जा सकता था या उसकी मौजूदगी का पता चल सकता था। देश में कई बार आतंकी तत्व आम नागरिक बनकर शहरों में छिपते हैं और गलत मंशा से घटनाओं को अंजाम देते हैं। इस केस में भी ऐसा ही हुआ, जहां एक वांछित आतंकवादी क्रेन ऑपरेटर बनकर खुला घूम रहा था और किसी को शक नहीं हुआ। दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किरायेदारों की जानकारी पुलिस को समय पर दें और बिना वेरिफिकेशन के किसी को कमरा न दें। इसके साथ ही मकान मालिकों को यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि भविष्य में किसी संदिग्ध को शरण देने की जानकारी छिपाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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