मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई क्षेत्रों में जलभराव, नदी-नालों का उफान और संपर्क मार्गों के टूटने से हालात चिंताजनक हो गए हैं। इस बीच, शुक्रवार देर शाम एक दर्दनाक हादसा गंजबासौदा के बेतवा पुल पर सामने आया, जहां एक महिला शिवलिंग विसर्जन के दौरान बेतवा नदी में बह गई। वहीं, जिले के लटेरी तहसील में ग्रामीणों की सतर्कता के चलते एक और बड़ा हादसा टल गया, जब बारिश के पानी में बहती एक कार को ट्रैक्टर की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। दोनों घटनाएं यह दर्शाती हैं कि प्राकृतिक आपदाएं किस तरह सामान्य जीवन को खतरे में डाल सकती हैं, और समय रहते की गई सूझबूझ कितनी कारगर हो सकती है।
गंजबासौदा में बेतवा नदी में बही महिला, तलाश जारी
गंजबासौदा के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर शाम एक महिला बेतवा नदी की तेज धार में बह गई। मृतिका की पहचान राजकुमारी डांगी (40 वर्ष) के रूप में हुई है, जो मुत्तरा गांव की निवासी थीं। वह अपने परिवार के साथ कार से घर पर बनाए गए मिट्टी के शिवलिंग का विसर्जन करने बेतवा पुल पर पहुंची थीं। विसर्जन के दौरान वह अचानक असंतुलित होकर बेतवा नदी में गिर गईं। वहां मौजूद एक व्यक्ति ने उन्हें बचाने के लिए नदी में छलांग भी लगाई, लेकिन तेज बहाव के कारण वह उन्हें नहीं बचा सका और राजकुमारी नदी की धारा में बहती चली गईं। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और राहत दल मौके पर पहुंचे और तलाश शुरू कर दी गई। स्थानीय पुलिस के साथ NDRF की टीमें भी सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। लेकिन तेज बारिश और नदी का बढ़ता जलस्तर रेस्क्यू में बड़ी चुनौती बन रहा है। देर रात तक महिला का कोई सुराग नहीं मिल सका था।
लटेरी में बारिश के तेज बहाव में बहती कार को ग्रामीणों ने बचाया
विदिशा जिले के लटेरी तहसील के आनंदपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव रसुली साहू में एक और बड़ा हादसा बारिश के कारण होते-होते टल गया। शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे तेज बारिश के कारण सड़क पर पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि उसमें एक कार बहने लगी। कार में सवार दो लोग किसी तरह बाहर निकल आए, लेकिन कार पूरी तरह पानी के साथ बहने लगी थी। हालात गंभीर होते इससे पहले गांव के कुछ जागरूक युवाओं ने तुरंत समझदारी दिखाई। उन्होंने गांव से एक ट्रैक्टर मंगवाया और रस्सियों की मदद से बहती कार को बांधकर सुरक्षित बाहर निकाल लिया। ग्रामीणों ने पुलिस को भी सूचित किया, लेकिन पूरे क्षेत्र में भारी जलभराव और रास्ते बंद होने के कारण पुलिस मौके पर नहीं पहुंच सकी। ग्रामीणों की तत्परता और साहस ने एक बड़ा हादसा टाल दिया और कार को सुरक्षित बचा लिया गया।
प्रशासन अलर्ट, लेकिन ग्रामीणों की भूमिका सबसे अहम
लगातार हो रही भारी बारिश और जलभराव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। प्रशासन द्वारा नदियों के किनारे और जलभराव वाले क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की गई है। हालांकि, राहत और बचाव कार्यों के बीच यह भी साफ हो गया है कि ग्रामीणों की सक्रियता और एकजुटता संकट की घड़ी में कितनी प्रभावशाली हो सकती है। जहां एक ओर प्रशासनिक संसाधन सीमित हैं, वहीं स्थानीय लोग अपनी सूझबूझ और तत्परता से कई बार बड़ी जनहानि को टाल सकते हैं। गंजबासौदा की घटना ने यह सिखाया कि नदी किनारे धार्मिक कार्य करते समय अत्यधिक सावधानी की जरूरत है, वहीं लटेरी की घटना ने यह दिखाया कि स्थानीय समुदाय का जागरूक होना आपदा प्रबंधन में कितनी बड़ी भूमिका निभाता है।