MP News: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के जावासिया गांव से एक भावनात्मक घटना सामने आई है। 71 वर्षीय सोहनलाल जैन की अंतिम यात्रा में उनका सबसे करीबी दोस्त अंबालाल प्रजापति आंसुओं के बीच नाचता दिखा। यह कोई सामान्य नाच नहीं था बल्कि अपने दोस्त की अंतिम इच्छा को पूरी करने का एक तरीका था।
दो साल से कैंसर से जूझ रहे थे सोहनलाल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही जानकारी के मुताबिक सोहनलाल जैन दो साल से कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने रतलाम मंदसौर से लेकर अहमदाबाद तक इलाज करवाया लेकिन आखिरकार जीवन की जंग हार गए। इस दौरान उनके साथ हर कदम पर उनके जिगरी दोस्त अंबालाल प्रजापति रहे।
अंतिम इच्छा: “रोना नहीं… नाचना मेरी अंतिम यात्रा में”
सोहनलाल ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में अंबालाल से एक वादा लिया था। उन्होंने कहा था कि जब मेरी मौत हो जाए तो रोना मत बल्कि मेरी अंतिम यात्रा में नाचना। यह बात अंबालाल ने पूरी ईमानदारी से निभाई। सोहनलाल की अंतिम यात्रा में अंबालाल ने भावुक माहौल के बीच नाचकर अपने दोस्त को विदाई दी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ दोस्ती का संदेश
सोहनलाल द्वारा लिखा गया एक पत्र और अंतिम यात्रा का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग इस दोस्ती को मिसाल बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि “सच्ची दोस्ती की पहचान यही है। आखिरी वादा निभाया और दोस्त की आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि दी।”
दोस्ती जो शब्दों से परे थी
अंबालाल ने बताया कि वे और सोहनलाल गांव की प्रभात फेरी में वर्षों से एक साथ भाग लेते थे और उनकी दोस्ती समय के साथ और गहरी होती चली गई। उन्होंने कहा कि दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसे निभाना पड़ता है और मैंने उसे अंत तक निभाया। इस कहानी ने लोगों को रुला दिया लेकिन साथ ही यह भी सिखा दिया कि दोस्ती क्या होती है।