31 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित बीएसएल ग्लोबल आउटरीच समिट-2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का आयोजन इस बात का प्रमाण है कि विश्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समय चल रहा है। उन्होंने बताया कि देश के बदलने के लिए दृढ़ संकल्प और नवीन सोच जरूरी होती है। डॉ. यादव ने भारत की आर्थिक प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ, तब भारत की अर्थव्यवस्था 15वें स्थान पर थी, जो अब चौथे नंबर पर आ गई है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन केवल संकल्प और सही नीतियों से ही संभव हुआ है। समिट में मुख्यमंत्री ने कई उद्योगपतियों को अवॉर्ड भी प्रदान किए और उनके साथ राउंड टेबल चर्चा एवं वन-टू-वन संवाद किया, जिसमें मध्यप्रदेश सरकार की ओर से उद्योगों को हर तरह का सहयोग देने का भरोसा दिया गया।
मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए सुविधाएं और सुधार
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने व्यापारिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 42 ऐसे कानूनों को रद्द किया गया है जो उद्योगों के लिए बाधक थे। इसके साथ ही उद्योग स्थापना के लिए आवश्यक अनुमतियों की संख्या 29 से घटाकर 10 कर दी गई है, जिससे उद्योग शुरू करने की प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि उद्योगों को पानी और बिजली जैसी जरूरी सुविधाओं पर सब्सिडी दी जा रही है। खासकर रोजगार परक उद्योगों में महिलाओं को काम देने पर सरकार 6 हजार रुपये प्रति महिला वेतन देने को तैयार है, जो दस साल तक लागू रहेगा। इस प्रकार, रोजगार और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने का विजन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत मंडपम के कन्वेंशन सेंटर में टेक्सटाइल और गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ हुई राउंड टेबल चर्चा में मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने की योजना पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश कपास उत्पादन में अग्रणी राज्य है और यहाँ सालाना लगभग 18 लाख गांठ कपास उत्पादित होती है। जैविक कपास उत्पादन में भी राज्य की खास पहचान है। उन्होंने कहा कि ‘खेत से कपड़े तक’ की पूरी वैल्यू चेन में राज्य निवेशकों का सच्चा साथी बन सकता है। मध्यप्रदेश की नई औद्योगिक नीति 2025 उद्योगों और निर्यात को बढ़ावा देने वाली है। मुख्यमंत्री ने ‘मेड इन एमपी’ को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है और कहा कि राज्य की सारी प्रोत्साहन राशि सीधे बैंक खातों में दी जाएगी।
सिंगल विंडो सिस्टम और पर्यावरण की सुरक्षा
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में व्यापार शुरू करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जिसमें ऑनलाइन मंजूरी और टाइम-बाउंड अप्रूवल्स सुनिश्चित किए गए हैं। परिवहन लागत को कम करने, कार्यक्षमता बढ़ाने और बाजार तक पहुंच को तेज करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार पर्यावरण सुरक्षा के प्रति भी प्रतिबद्ध है और उद्योगों को स्वच्छ ऊर्जा, जल संरक्षण, जैविक कपास उत्पादन जैसे क्षेत्रों में समर्थन दे रही है। उन्होंने कहा, “हम प्रकृति के अनुकूल कारखाने लगाने पर ध्यान दे रहे हैं ताकि आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहे।” कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश उद्योग आधारित छवि बना रहा है और राज्य में व्यवसाय के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराकर उद्यमियों को आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों के विकास के लिए सरकार की नीतियां पूरी तरह उत्पादन केंद्रित और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने वाली हैं।