मुख्यमंत्री मोहन यादव का बाढ़ राहत पर बयान: संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य जारी

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CM Mohan Yadav: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार हाल ही में हुई भारी बारिश से प्रभावित नागरिकों के साथ पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ खड़ी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहत और बचाव कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। अब तक प्रदेश में बचाव कार्यों के माध्यम से 3628 नागरिकों और 94 मवेशियों को सुरक्षित बचाया गया है।

प्रभावित लोगों को 28.49 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित

डॉ. यादव ने बताया कि वर्तमान में 53 राहत शिविरों में 3065 लोगों को भोजन, दवाइयाँ, कपड़े और अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य के कलेक्टरों द्वारा अब तक प्रभावित लोगों को 28.49 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को कोई कठिनाई न हो और नुकसान का शीघ्र सर्वेक्षण कर उचित मुआवजा दिया जाए।

3300 आपदा सहयोगियों को प्रशिक्षित

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ और आपदा प्रबंधन के लिए पहले ही विस्तृत तैयारियाँ कर ली हैं। प्रदेश के 259 संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, 111 त्वरित प्रतिक्रिया दल और 3300 आपदा सहयोगियों को प्रशिक्षित किया गया है।

राज्य में अब तक 711.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज

भोपाल, ग्वालियर, धार और जबलपुर में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। राज्य में अब तक 711.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य से 59% अधिक है। मंडला जैसे जिलों में तो मात्र चार दिनों में ही 50% से अधिक वर्षा हो चुकी है।

वर्षा के कारण 254 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त

इस भारी वर्षा के कारण 254 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें से 212 की तत्काल मरम्मत कर दी गई है। साथ ही, 94 पुलियों के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की गई है।

62 स्थानों पर खाद्यान्न का अग्रिम भंडारण

राज्य सरकार ने स्वास्थ्य अलर्ट भी जारी किया है। सभी अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और 62 स्थानों पर खाद्यान्न का अग्रिम भंडारण किया गया है। 30 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को हर स्तर पर तत्परता और संवेदनशीलता से कार्य करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि हर जनहानि दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन सरकार ने समय पर और प्रभावी कदम उठाकर जान-माल के नुकसान को कम करने का प्रयास किया है।

देवेन्द्र पाण्डेय "संपादक"

ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली की पावन धरा से निकला. पठन-पाठन से प्यार था लिहाजा पत्रकारिता से बेहतर पेशा कोई और लगा नहीं. अखबार से शुरु हुआ सफर टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यम में जारी है. इस दौरान करीब 14 साल गुजर गए पता ही नहीं चला. Read More
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