Mauganj News: मध्य प्रदेश के मऊगंज से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है। जहाँ एक होनहार लड़की ने मोबाइल फ़ोन के लिए अपनी जान दे दी, लेकिन उसकी मौत की असली वजह मोबाइल फ़ोन नहीं, बल्कि वो सिस्टम था जिसने उसे जीने नहीं दिया।
क्योंकि न समय पर डॉक्टर उपलब्ध था, न महिला डॉक्टर, न ही मरने के बाद उसके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए शव वाहन। क्या यही मऊगंज का नया ज़िला है? क्या यहीं बेटी बचाओ की हक़ीक़त है?
पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली
ये घटना है एक 16 साल की लड़की की, जो ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा थी। वो पढ़ाई में होनहार और मेधावी थी। दसवीं कक्षा तक उसने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। फिर उसने एक निजी स्कूल में दाखिला लेने की ज़िद की।
लेकिन घर पर माँ द्वारा मोबाइल फ़ोन छीन लिए जाने की घटना से नाराज़ लड़की ने गाय को बांधने वाले रस्सी से पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली।
परिवार वाले लड़की को मऊगंज ज़िला अस्पताल ले गए, लेकिन वहाँ कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था।
डॉक्टर की गैरमौजूदगी ने ले ली जान
परिवार का दावा था कि बच्ची की साँसें चल रही थीं, लेकिन डॉक्टर की गैरमौजूदगी में उसकी जान ले ली गई। अब बात करते हैं पोस्टमार्टम की। मऊगंज ज़िले में महिला डॉक्टर न होने की वजह से 24 घंटे तक बच्ची का पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
अगले दिन हुआ बच्ची का पोस्टमार्टम
अगले दिन रीवा ज़िले से डॉक्टर बुलाया गया, जिसके बाद बच्ची का पोस्टमार्टम हो सका। इसके बाद जो हुआ वो इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। शव वाहन तक नहीं मिला।
परिवार का आरोप
परिवार का आरोप है कि ड्राइवर ने डीज़ल के पैसे मांगे, जिसके बाद परिवार बच्ची के शव को लोडर ट्रक में लादकर गाँव ले गया। अब इस ज़िले में मौत की भी कोई क़ीमत नहीं रही।