मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले में मंगलवार देर रात एक बड़ी आग की घटना ने पूरे शहर को दहला दिया। यह भीषण आग महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल के सामने स्थित एक तीन मंजिला इमारत में लगी, जो न्यू गांधी चौक क्षेत्र में स्थित है। इस इमारत में ‘इंडियन प्रेस’ समेत कई अन्य व्यावसायिक दुकानें हैं, जहां आग ने विकराल रूप ले लिया। आग बुझाने के लिए नगर पालिका की सभी दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंच चुकी हैं और आग बुझाने का प्रयास जारी है। पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया है और स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं, लाखों के नुकसान की आशंका
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आग लगने की वजह क्या थी, लेकिन आग जिस तेजी से फैल रही है, उससे भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि देर रात अचानक आग भड़क उठी और सुबह होते-होते इसने पूरे भवन को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही समय में पूरे भवन में फैल गईं। मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई है और लोग परेशान होकर स्थिति को देख रहे हैं। व्यापारियों का लाखों का सामान आग में जलकर खाक हो गया है, जिससे सभी में भारी निराशा और आक्रोश है।
दमकल विभाग की तैयारियां पड़ी कमज़ोर, संसाधनों की भारी कमी उजागर
आग की भयावहता इतनी अधिक थी कि नगर पालिका की दमकल गाड़ियां भी उसे काबू करने में असमर्थ साबित हो रही हैं। यह तीन मंजिला इमारत है और ऐसी ऊँची इमारतों में आग पर काबू पाने के लिए विशेष उपकरणों और संसाधनों की ज़रूरत होती है, जो कि शहडोल नगर पालिका के पास फिलहाल मौजूद नहीं हैं। आग पर काबू पाने में लगी मशीनें और दमकल संसाधन अपर्याप्त साबित हो रहे हैं। इस घटना ने नगर पालिका की व्यवस्था और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी की पोल खोल कर रख दी है।
बिना संसाधनों के इजाज़त, बड़ी लापरवाही की मिसाल
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि नगर पालिका ने ऐसे बहुमंजिला भवनों को बनाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन आग जैसी आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक संसाधन अब तक नहीं जुटाए हैं। यह प्रशासनिक लापरवाही का बड़ा उदाहरण है। इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में और भी गंभीर रूप ले सकती हैं यदि तत्काल कार्रवाई और संसाधनों की व्यवस्था नहीं की गई। नगर पालिका को अब यह समझना होगा कि केवल निर्माण की अनुमति देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि आपदा प्रबंधन के लिए भी पूरी तैयारी होनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं में जान-माल का नुकसान रोका जा सके।