कुबेरेश्वर धाम में मौतों का सिलसिला: 6 लोगों की जान गई, जांच के आदेश

कुबेरेश्वर धाम में मची भगदड़, भीड़ और गर्मी ने ली दो महिलाओं की जान, यज्ञ से पहले मातम
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Kubereshwar Dham: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ताज़ा घटना में, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की पिपराइच तहसील के बड़ा टोला निवासी 22 वर्षीय उपेंद्र गुप्ता पुत्र प्रेम गुप्ता की मौत हो गई।

कुबेरेश्वर धाम में चल रही कांवड़ यात्रा में अब तक कुल छह लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से दो महिलाओं की मंगलवार को भारी भीड़ में भगदड़ मचने से मौत हो गई, जबकि चार अन्य की प्राकृतिक कारणों से मौत हो गई। मृतक उपेंद्र गुप्ता की मौत भी प्राकृतिक कारणों से होने की बात सामने आई है।

बार-बार हो रही दुर्घटनाएँ गंभीर सवाल खड़े करती हैं

प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्र के नेतृत्व में आयोजित कांवड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, जिसके कारण भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन गया है। मंगलवार को भगदड़ में दो महिलाओं, यशवंती बेन (56, राजकोट, गुजरात) और संगीता गुप्ता (48, फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश) की मौत हो गई।

इसके अलावा, दो और श्रद्धालुओं, चतुर सिंह (50, पंचवाल, गुजरात) और ईश्वर सिंह (65, रोहतक, हरियाणा) की प्राकृतिक कारणों से मृत्यु हो गई। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और भीड़ प्रबंधन के कड़े इंतजाम किए हैं। हालाँकि, बार-बार हो रहे हादसों ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री मोहन ने दिए जाँच के आदेश

स्थानीय विधायक और मुख्यमंत्री ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं और घायलों के इलाज के लिए अस्पतालों में उचित व्यवस्था की जा रही है। इससे पहले 2023 में कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठे थे। इस बार, हादसों ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है।

देवेन्द्र पाण्डेय "संपादक"

ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली की पावन धरा से निकला. पठन-पाठन से प्यार था लिहाजा पत्रकारिता से बेहतर पेशा कोई और लगा नहीं. अखबार से शुरु हुआ सफर टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यम में जारी है. इस दौरान करीब 14 साल गुजर गए पता ही नहीं चला. Read More
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