जन्म लेते ही नन्ही परी बन गई आंगनबाड़ी सहायिका, 15 साल की नाबालिग लड़की को बना दिया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ,जानिए क्या है पूरा मामला

Google News
Follow Us
---Advertisement---

Singrauli News: अजब एमपी के गजब कारनामे है। इस अजब प्रदेश के कारनामे देखकर हर कोई हैरत में पड़ सकता है। मध्यप्रदेश राज्य में जितना सरकारी विभाग की लचर व्यवस्था है उतना शायद अन्य प्रदेश में नही है। इसीलिए तो इस प्रदेश को अजब गजब की उपाधि से नवाजा गया है। यहाँ के सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था की वजह से एक जन्म लेते ही नन्ही परी को आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दे दी गई। इतना ही नही 15 साल की उम्र में एक बच्ची को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई है। यह सुनकर चौकिये मत यह मध्यप्रदेश है यहाँ कुछ भी हो सकता है।

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल एमपी के सिंगरौली जिले से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था की वजह से एक जन्म लेते ही एक नन्ही परी को आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दे दी गई है। यह सब कुछ सरकारी रिकॉर्ड में हुआ है।

15 साल की नाबालिग लड़की को बना दिया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

सरकारी पोर्टल में भी दर्ज है। 15 साल की नाबालिग बच्ची को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई है। सब कुछ सरकारी रिकार्ड में दर्ज है। यह सबकुछ कैसे संभव हो सकता है सुनकर हर कोई हैरान है लेकिन यह सच है सरकारी पोर्टल में भी इसका प्रमाण मौजूद है।

मामला चितरंगी ब्लॉक के धानी गाँव के आंगनबाड़ी केंद्र का है। जहाँ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पचवती की नियुक्ति सरकारी पोर्टल में 22 जुलाई 1988 को दर्ज है। जबकि उनकी उम्र 10 /10/1973 है। यानी 15 साल की उम्र में पचवती को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति मिल गई।

जन्म लेते ही आंगनबाड़ी सहायिका नियुक्ति

वही आंगनबाड़ी सहायिका सोनकली देवी की नियुक्ति 22 जुलाई 1988 है। जबकि इनका जन्मतिथि भी 22 जुलाई 1988 की है यानी जन्म लेते ही इनकी नियुक्ति आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर हुई है। यह संभव हुआ है सरकारी पोर्टल में फिलहाल मामला सामने आने के बाद सरकारी सिस्टम की लापरवाही उजागर हुई है।

कंप्यूटर ऑपरेटर की लापरवाही

अधिकारी कहते है कि यह कंप्यूटर ऑपरेटर की लापरवाही की वजह से गलत फीड हुआ है। फिलहाल जांच का विषय है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस तरह की लचर व्यवस्था से कब तक विभाग सरकारी योजनाओं को जन जन तक पहुँचाने में सफल हो पायेगा।

देवेन्द्र पाण्डेय "संपादक"

ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली की पावन धरा से निकला. पठन-पाठन से प्यार था लिहाजा पत्रकारिता से बेहतर पेशा कोई और लगा नहीं. अखबार से शुरु हुआ सफर टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यम में जारी है. इस दौरान करीब 14 साल गुजर गए पता ही नहीं चला. Read More
For Feedback - devendra.abpnews@gmail.com

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment