छिंदवाड़ा के न्यू चीफ हाउस इलाके में 66 वर्षीय विमला सनोदिया की निर्मम हत्या की गुत्थी पुलिस ने मात्र 48 घंटे में सुलझा ली। इस चौंकाने वाले मामले में मृतका की बहू कल्पना सनोदिया ही मुख्य साजिशकर्ता निकली। पुलिस ने उसे भोपाल से गिरफ्तार किया। कल्पना ने अपने भांजे अभिषेक श्रीवास्तव के साथ मिलकर 16 लाख की लूट की योजना बनाई थी, लेकिन वारदात के बाद आरोपी केवल 2 लाख रुपये के गहने और 2000 रुपये नकद लेकर भागे। CCTV फुटेज, साइबर सेल और फॉरेंसिक टीम की मदद से पुलिस ने पांचों आरोपियों को दबोच लिया।
लूट के इरादे से बुजुर्ग महिला की बेरहमी से हत्या
5 अगस्त की रात को विमला सनोदिया का शव खून से लथपथ हालत में उनके घर से मिला था। अलमारी खुली हुई थी और सामान बिखरा पड़ा था, जिससे लूट की आशंका जताई गई। जांच में सामने आया कि कल्पना सनोदिया ने अपने भांजे अभिषेक और उसके तीन साथियों – रहीम, भूरा और नाहिद (सभी आरोपी बैतूल निवासी) के साथ मिलकर वारदात की योजना बनाई। कल्पना पर बुटीक बिजनेस में घाटा होने के कारण भारी कर्ज था, जिससे छुटकारा पाने के लिए उसने यह क्रूर साजिश रची। अभिषेक ने पहले घर की रेकी की, फिर रात में साथियों के साथ अंदर घुसकर विमला को बातों में उलझाया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी।
नाक, कान और उंगलियां काटकर की गई लूट
वारदात के दौरान आरोपी रहीम ने चाकू से हमला किया और विमला सनोदिया की नाक, कान और उंगलियां काटकर गहने लूटे। लगभग 21 मिनट तक आरोपियों ने घर की तलाशी ली और सोने के गहने व नकदी लेकर फरार हो गए। इस पूरी घटना की पड़ोसियों को भनक तक नहीं लगी। एक बच्चे ने दरवाजा खुला देखा और परिजनों को जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तीन जिलों – छिंदवाड़ा, भोपाल और बैतूल से पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने 2 लाख रुपये के गहनों की बरामदगी भी की।
CCTV कैमरे बने केस सुलझाने की कुंजी
इस जघन्य हत्या को सुलझाने में घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे वरदान साबित हुए। परासिया एसडीओपी ने बताया कि पुलिस की अपील पर लोगों ने अपने घरों के आसपास कैमरे लगाए थे, जिससे जांच में काफी मदद मिली। पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता, एएसपी आयुष गुप्ता, एसडीओपी जितेंद्र सिंह जाट और तीन थाना क्षेत्रों की टीमों ने मिलकर इस हत्याकांड को सुलझाया। पुलिस का कहना है कि इस केस में तकनीकी साक्ष्य और टीमवर्क ने निर्णायक भूमिका निभाई। मृतका विमला सनोदिया वेस्टर्न कोलफील्ड से सेवानिवृत्त कर्मचारी थीं और उन्हें गहने पहनने का बेहद शौक था — इसी लालच ने उनकी जान ले ली।