रायसेन ज़िले में रक्षाबंधन के दिन एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें 12 से अधिक यात्री घायल हो गए, जिनमें से 8 की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह हादसा शनिवार (9 अगस्त) की शाम उदम्मऊ-जैतपुर घाटी के जंगल क्षेत्र में हुआ। पुलिस के अनुसार, यह बस गैरतगंज से हैदरगढ़ (विदिशा) जा रही थी और इसमें क्षमता से दोगुने यात्री सवार थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि बस के ब्रेक भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे, जिसके कारण चालक का वाहन पर नियंत्रण बिगड़ गया और बस पलट गई।
ड्राइवर फरार, पुलिस ने दर्ज किया केस
सब-डिविजनल पुलिस ऑफिसर (SDOP) आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि हादसे के बाद बस चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने अज्ञात चालक के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस पलटने के बाद यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर उदम्मऊ और जैतपुर गांव के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने खिड़कियां और शीशे तोड़कर अंदर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। इस दौरान कई लोग गंभीर रूप से घायल मिले, जिन्हें तत्काल इलाज की ज़रूरत थी।
घायल बिना एंबुलेंस के पहुंचे अस्पताल
हादसे के बाद घायलों को गैरतगंज सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से 8 गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। एक चश्मदीद ने बताया कि हादसे के दो घंटे तक न तो कोई एंबुलेंस और न ही कोई सरकारी वाहन घटनास्थल पर पहुंचा। मजबूरन ग्रामीणों ने अपने निजी वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया। यह घटना क्षेत्र में प्रशासनिक लापरवाही पर भी सवाल खड़े करती है, क्योंकि रक्षाबंधन जैसे त्योहार पर सड़कों पर भारी भीड़ होती है और यातायात पर अधिक निगरानी की आवश्यकता रहती है।
खुशियों का त्योहार बना मातम का कारण
रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, जो हर साल सावन पूर्णिमा को पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन परिवार को जोड़ने और रिश्तों में प्रेम और स्नेह बढ़ाने का अवसर देता है। लेकिन इस साल का रक्षाबंधन रायसेन के कई परिवारों के लिए दुखद याद बन गया। जब लोग अपने प्रियजनों से मिलने और त्योहार मनाने जा रहे थे, तभी यह बस हादसा उनकी खुशियों को मातम में बदल गया। यह घटना हमें यातायात सुरक्षा और सावधानी बरतने की ज़रूरत का कड़ा संदेश देती है।