केंद्रीय मंत्री जयंती सिंह चौधरी ने केरल की शिक्षा व्यवस्था की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि केरल में शिक्षा का स्तर बहुत ऊंचा है और यह अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि केरल की कई इनोवेटिव शैक्षणिक पहलें हैं जिन्हें देश के अन्य हिस्सों में लागू किया जा सकता है। जयंती चौधरी ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा मॉडल में शामिल करने की बात भी कही।
जन शिक्षण संस्थान की भूमिका
जयंती सिंह चौधरी ने केरल के मलप्पुरम में स्थित जन शिक्षण संस्थान (JSS) की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि यह संस्थान मंत्रालय द्वारा लगातार टॉप परफॉर्मिंग संस्थानों में गिना गया है। सरकार अब ऐसे सफल मॉडल्स का अध्ययन कर रही है ताकि देश के अन्य 289 JSS संस्थानों में भी इन्हें लागू किया जा सके। इसमें केरल के 9 संस्थान भी शामिल हैं।
क्या है जन शिक्षण संस्थान (JSS)
जन शिक्षण संस्थान भारत सरकार की एक अहम योजना है जो कम पढ़े-लिखे युवाओं और वंचित वर्गों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देती है। इसका मकसद है कि स्कूल छोड़ने वाले और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग भी कोई हुनर सीखें और उससे आजीविका चला सकें। इसमें सिलाई, कढ़ाई, मोबाइल रिपेयरिंग, कंप्यूटर, ब्यूटी पार्लर जैसी ट्रेनिंग दी जाती है।
गांव और झुग्गियों तक पहुंच
JSS की खास बात यह है कि यह शहरों तक सीमित नहीं है। यह योजना गांवों, शहरी स्लम एरिया और झुग्गियों तक जाती है और वहां के लोगों को भी हुनर सिखाती है। सरकार का उद्देश्य है कि समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाना है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और नौकरी के लिए भटकना न पड़े।
महिलाओं और वंचित वर्गों को ताकत
इस योजना का एक अहम लक्ष्य है महिलाओं, अनुसूचित जातियों और जनजातियों, अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना। इसके माध्यम से उन्हें न सिर्फ प्रशिक्षण मिलता है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है। जयंती सिंह चौधरी ने कहा कि ऐसे प्रयासों को और विस्तार देकर पूरे देश में शिक्षा और कौशल का एक नया मॉडल खड़ा किया जा सकता है।