अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चिप निर्माता कंपनी इंटेल (Intel) के नए CEO लिप-बू-टन (Lip-Bu Tan) को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने के लिए कहा है। ट्रंप ने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर साझा की। उन्होंने लिप-बू-टन पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर खतरा बताते हुए यह कदम उठाया है। ट्रंप का दावा है कि लिप-बू-टन के चीन से गहरे संबंध हैं, जो अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
चीन से लिंक पर उठे सवाल, रिपब्लिकन सीनेटर ने जताई चिंता
डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन (Tom Cotton) ने लिप-बू-टन की पृष्ठभूमि पर सवाल उठाए थे। सीनेटर के मुताबिक, लिप-बू-टन चीन की कई कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल रहे हैं और उनके पास सैकड़ों चीनी सेमीकंडक्टर कंपनियों में हिस्सेदारी है। इनमें से कम से कम आठ कंपनियां सीधे तौर पर चीनी सेना (PLA) से जुड़ी हैं। ऐसे में ट्रंप ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए कड़ा कदम उठाया।
पुराना रिकॉर्ड भी विवादों में, कैडेंस डिज़ाइन सिस्टम से भी जुड़े आरोप
सीनेटर टॉम कॉटन के पत्र के अनुसार, लिप-बू-टन पहले अमेरिकी कंपनी कैडेंस डिज़ाइन सिस्टम्स (Cadence Design Systems) के प्रमुख रह चुके हैं। उन पर आरोप है कि उनके कार्यकाल में कंपनी ने चीन की सैन्य यूनिवर्सिटी के साथ तकनीकी साझेदारी की थी। इतना ही नहीं, कंपनी ने चीनी सेमीकंडक्टर कंपनियों को बिना लाइसेंस तकनीक ट्रांसफर की, जो अमेरिका के कानून का उल्लंघन है।
इंटेल की हालत और टन की नियुक्ति
सिलिकॉन वैली की जानी-मानी चिप कंपनी इंटेल, दशकों से विंडोज आधारित कंप्यूटरों के लिए चिप बनाती रही है। लेकिन हाल के वर्षों में सैमसंग, TSMC और Nvidia जैसी कंपनियों ने इंटेल को कड़ी टक्कर दी है। खासकर AI आधारित चिप्स की बढ़ती मांग ने इंटेल की बाजार हिस्सेदारी को घटा दिया। इसी चुनौती से निपटने के लिए इंटेल ने तकनीकी रूप से अनुभवी लिप-बू-टन को CEO बनाया था, लेकिन अब उनकी नियुक्ति खुद विवादों में आ गई है।
सवालों के घेरे में इंटेल और अमेरिका की चिप सुरक्षा नीति
इस घटनाक्रम के बाद अमेरिकी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री और सुरक्षा एजेंसियों के बीच चिंता बढ़ गई है। जहां एक ओर अमेरिका चिप निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहा है, वहीं चीन से जुड़े किसी भी संदिग्ध लिंक को लेकर अमेरिकी नीति सख्त होती जा रही है। लिप-बू-टन का इस्तीफा आने वाले दिनों में अमेरिका की सेमीकंडक्टर नीति और चीन के साथ तकनीकी प्रतिस्पर्धा में एक नया मोड़ ला सकता है।